इन दिशाओं की ओर बैठकर न करें भोजन, होती है दरिद्रता की प्रा�प्त
Astrology Articles I Posted on 24-11-2023 ,07:32:47 I by:
वास्तु शास्त्र एक ऐसा शास्त्र है जिसमें घर में होने वाले समस्त कार्यों की अच्छाई और बुराई के बारे में बताया गया है। गृह निर्माण से लेकर घर में किस दिशा में बैठकर हमें भोजन करना चाहिए और किस दिशा में बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए इस बात की जानकारी तक दी गई है। वास्तु शास्त्र में हर काम के नियम और निश्चित दिशा तय की गई है। भोजन के समय हमसे भूलवश या अज्ञानता में कुछ ऐसी गलतियाँ हा जाती हैं जो हमारे जीवन पर नकारात्मक असर डालती हैं। कुछ गलतियां हमारे जीवन पर नकारात्मक असर डालती है। आइए डालते हैं एक नजर उन सावधानियों पर जो हमें उस वक्त रखनी चाहिए—
दक्षिण दिशा की ओर मुँह करके नहीं करना चाहिए भोजन
भोजन के वक्त दिशा का जरूर ध्यान रखें नहीं तो इससे स्वास्थ बिगड़ सकता है। वास्तु नियम के अनुसार दक्षिण दिशा में मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिए। दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। इस दिशा में भोजन करने से आयु घटती है। वहीं पश्चिमी दिशा में मुंह करके भोजन करने से गंभीर रोग घेर लेते हैं।
बिस्तर पर बैठकर न करें भोजन
कभी भी बिस्तर पर बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी का अभाव होता है। व्यक्ति पर खर्च और कर्ज बढ़ जाता है।
उत्तर व पूर्व दिशा में बैठकर करें भोजन
प्राड्मुखोदड्मुखो वापि व वसिष्ठ स्मृति में प्राड्मुखन्नानि भुञ्जीत - इसका अर्थ है उत्तर और पूर्व दिशा में बैठकर भोजन करना अति उत्तम होता है। यह दोनों दिशाएँ देव दिशा मानी जाती हैं। इस दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। व्यक्ति के तनाव खत्म होते हैं। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से पाचन शक्ति अच्छी रहती है। बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
मिट्टी के बर्तनों का करें उपयोग
शास्त्रों में मिट्टी का बर्तन बहुत पवित्र माना गया है। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने और खाने से पूरे 100 प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। स्वास्थ के साथ सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
झूठन न छोड़ें
थाली में उतना ही खाना लेना चाहिए जितना खा सके। भोजन को झूठा छोडऩे पर अन्न का अपमान होता है। इससे धन और अन्न की कमी होने लगती है। व्यक्ति कंगाली की राह पर आ जाता है।