अमावस्या को करें कालसर्प योग-दोष निवारण!

मुंबई. अमावस्या - 30 दिसम्बर 2024, सोमवार, कृष्ण अमावस्या प्रारम्भ - 04:01, 30 दिसम्बर 2024, कृष्ण अमावस्या समाप्त - 03:56, 31 दिसम्बर 2024.
कालसर्प महज एक योग है जिसके अनुसार जब सारे ग्रह राहु-केतु के बीच आ जाते हैं, तब बनता है। जब कोई एक ग्रह इस घेरे से बाहर होता है तब इसे आंशिक योग माना जाता है। आमतौर पर कालसर्प योग को दोष मानकर डर का ऐसा वातावरण तैयार हो गया है कि व्यक्ति को हर परेशानी का कारण यही दोष नजर आता है। वैसे देश-दुनिया में कई ऐसे सफलतम व्यक्ति हैं जिनकी जन्म कुंडली में कालसर्प योग रहे हैं, इसलिए सर्व प्रथम तो कालसर्प योग के डर से मुक्त होना आवश्यक है।
यदि कालसर्प दोष जन्म कुंडली में प्रभावी है तो इससे मुक्ति के लिए अमावस्या उत्तम तिथि है। श्रेष्ठ ज्ञानी पंडित के निर्देशन में कालसर्प दोष मुक्ति के लिए पूजा करें। यदि पूजा नहीं करना चाहते हैं तो भी कई उपाय हैं जो कालसर्प दोष के मानसिक एवं वास्तविक कुप्रभाव को नष्ट करने में सहायक हैं।
नागपाश से मुक्त कराने वाले महावीर हनुमान की नियमित पूजा करें, कालसर्प दोष अप्रभावी होगा। श्रीकृष्ण से इस दोष के कुप्रभाव से मुक्ति की प्रार्थना करें एवं घर में मयूर पंख रखें। देवी सरस्वती की नियमित पूजा कर इस दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें।
यदि संभव हो तो किसी सपेरे द्वारा पकड़े गए सर्प को मुक्त कराएं। अमावस्या को चांदी का सर्प का जोड़ा भोलेनाथ को चढ़ाएं एवं कालसर्प योग के कुप्रभाव से मुक्ति की प्रार्थना करें। कालसर्प योग को लेकर वहम नहीं पालें, वरना बेवजह मानसिक तनाव होगा।
ग्रहों के गोचर और जन्म कुंडली की दशा-अन्तर्दशा के सापेक्ष कुप्रभाव में कमी-बढ़ोतरी संभव है इसलिए भोलेनाथ की शरण में जाएं, हर दोष से मुक्ति मिलेगी!
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)

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