व्यापार बाधानाशक उपाय
Business & Finance I Posted on 21-11-2013 ,00:00:00 I by:
धनार्जन का प्रमुख स्त्रोत व्यापार ही रहा है। प्राचीनकाल में किसी भी राज्य की उन्नति मे वहां का व्यापार बहुत बडी भूमिका का निर्वाह करता था। तब व्यापार के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य तक जाया करता था। उस समय अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होकर व्यापार को हानि की स्थिति में ला देती थी। ये बाधाएं प्राकृतिक विपत्ति अथवा लूट-डकैती के रूपए मे आती थी। वर्तमान में व्यापार का स्वरूप अवश्य बदल गया है किन्तु आने वाली बाधाएं अभी भी यथावत है। वर्तमान मे व्यापार के संदर्भ मे जो बाधाएं अभर कर आती है तो कई बार व्यक्ति डूबत की कगार पर जा पहुंचता है। आज भी व्यापार मे हानि अनेक बार व्यक्ति स्वयं की गलतियो के कारण से तथा कभी-कभी प्राकृतिक विपदा के सामने आती है। समस्त प्रकार की व्यापार मे आने वाली समस्याओं की मुक्ति के लिए आगे कुछ अभुभूत एवं परीक्षित उपायों का उल्लेख किया जा रहा है।
ये उपाय उत्यनत सिद्ध हुए है किन्तु उपाय करते समय पूर्ण उपाय अवधि तक भरपूर श्रम करें तभी यह फलीभूत होंगे: -ऎसा प्राय: देखने में आता है कि बहुत अच्छी चलती हुई दुकान या व्यावयाय अचानक ठप्प हो जाती है। कभी-कभी ऎसा भी होता है कि दुकान के बाहर लौंग सिन्दूर अथवा नींबू या लौहे की कीलें इत्यादि सामग्री भी मिलती है। परेशान होकर दुकान मालिक कहता है कि पहले तो दुकान अच्छी चलती थी शायद किसी ने बंधवा दी है या नजर लग गई है। ईष्र्यावश कुछ लोग ऎसा करने का प्रयाय भी करते है। यदि आपके साथ भी ऎसी समस्या है तो इससे अत्यन्त साधारण लेकिन प्रभावशाली उपाय द्वारा छुटकारा पाया जा सकता है। यह उपाय मंगलवार अथवा शनिवार को करना है। मंगलवार अथवा शनिवार के लिए काले घोडे की एक साबुत नाल ले लें। इस नाल को जल छिडक कर शुद्व कर लें। चमेली के तेल में सिन्दूर मिलाकर नाल पर लेप कर दें।
इस लेप युक्त नाल को काला कपडा बिछा कर लकडी के पट्टे पर रख दे तथा थोडे से काले उडद कटोरी में रख लें। एक लोटे मे जल रखें एवं 5 अगरबत्ति जला लें। नवग्रह को नमस्कार कर हनुमानजी से प्रार्थना करें कि नजर बाधा एवं ईष्र्यावश किए गए कृत्य को काट दें। ऎसा करने के बाद निम्न मंत्र के 1008 बार जाब करके जल में फूंक मारें। काले घोडे की नाल को यू आकर में दुकान में इस प्रकार जड दे कि प्रत्येक आगन्तुक की दृष्टि उपर पर पडे। जल को पूरी दुकान में छिडक कर शेष बचा जल बाहर चौराहे पर डाल आएं। भाग्य बदलें। उडद को दुकान के अंदर 7 बार घुमाकर (दीवारों के समानान्तर) चौराहे पर डाल दें। इस प्रयोग के करने के कुछ दिन बाद ही आप अपने व्यवहार को पुन: अच्छा चलता पाएंगे। मंत्र - ओम नमो आदेश। तू ज्या नावें, भूत पले, प्रेत पले। खबीस पले, अरिष्ट पले, सब पले। न पले तर गुरू की, गौरखनाथ की, बीदयां ही चले।
गुरू संगत, मेरी भगत चले मंत्र ईश्वरी वाचा। यह प्रयोग दुकान बढाते समय (संध्याकाल) मे करना चाहिए। -बंधी दुकान खोलने अथवा नजर बाधा दूर करने हेतु अन्य प्रभाव उपाय है। यह उपाय करने से दुकान अथवा व्यापार स्थल पर प्रतिस्पर्धियों की बुरी नजर या उनके द्वारा ईष्र्यावश करवाए गए अनिष्ट उपायों से बचे रहते है। इस उपाय से अनिष्ट की संभावना समाप्त हो जाती है। प्रात: स्नान करके एक बिना धुला नया लाल रंग का कपडा ले। इस कपडे को लकडी की चौकी अथवा पट्टे पर बिछा लेवें। इस पर 125 ग्राम काले उडद, 125 ग्राम काले तिल, सात लौंग, सात साबुत लाल मिर्च रखें। एक जटा वाला नारियल एवं 11 गोमती चक्र रखें।
एक कटोरी मे सरसों का तेल भरकर रखें। हनुमानजी की एक तस्वीर रखकर उनके समक्ष घी का एक दीपक जलावें तथा लड्डू के प्रसाद का भोग लगाए। एक सादा मसाले का पान लगवाकर उसमे इलायची, लौंग लगावे। सभी सामग्री पर थोडा सा सिन्दूर छिडकें एवं हाथ जोडकर हनुमानजी से प्रार्थना करें कि विद्वेषवश किया गया अभिचार कर्म दूर हो। लाल चन्दन की मामला से हं हनुमते नम: का 108 बार जाप करें। जाप के पश्चात नारियल एवं गोमती चक्र को लाल वस्त्र मे बांध कर व्यवसाय पूजा स्थल मे रख दें। शेष समस्त सामग्री को दुकान पर 7 बार उसार कर तेल सहित पीपल की जड में रख दें। यह उपाय करने के पश्चात आप स्वयं आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि ठप्प पडा व्यवसाय पुन: तेजी से प्रारंभ हो रहा है। उक्त कृत्य करने के पश्चात बंदरों को स्वेच्छा से सामथ्र्यानुसार केले अवश्य खिलावें।