खत्म होगा बुधादित्य शुभ योग, 3 महीनों तक बना रहेगा सूर्य-शनि अशुभ योग
Astrology Articles I Posted on 12-01-2023 ,09:59:18 I by:
14 जनवरी, 2023 दिन शनिवार को सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा और शनि के साथ रहेगा। इसके साथ ही बुधादित्य शुभ योग खत्म होगा। परन्तु आगामी तीन महीने तक सूर्य-शनि का अशुभ योग बना रहेगा। इसके चलते जिससे राजनीतिक, प्रशासनिक और बड़े मौसमी बदलाव होने की सम्भावना है।
14 जनवरी की रात को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर शनि देव के साथ हो जाएंगे। फिर दो दिन बाद यानी 17 को शनि देव राशि बदलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे सूर्य-शनि का अशुभ द्विद्र्वादश योग एक महीने तक रहेगा। 13 फरवरी से फिर सूर्य-शनि एकसाथ कुंभ राशि में रहेंगे। इसके बाद 15 मार्च को सूर्य मीन राशि में चले जाएंगे, जिससे 14 अप्रैल तक फिर से सूर्य-शनि का अशुभ द्विद्र्वादश योग रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों और धर्माचार्यों का कहना है कि इस राशि परिवर्तन के साथ ही सूर्य-शनि कुछ दिन एकसाथ रहेंगे और थोड़े दिन द्विद्र्वादश योग बनेगा। यानी ये दोनों ग्रह एक-दूसरे से बारहवीं राशि में रहेंगे। ज्योतिष में सूर्य और शनि को एक-दूसरे का शत्रु माना जाता है। जब भी ऐसे योग बनते हैं तब देश-दुनिया में अनचाहे बदलाव और दुर्घटनाएं होती हैं। तनाव, अशांति और डर का माहौल भी बनता है। पिछले साल भी इन दिनों ये अशुभ योग बना था।
इन दिनों शनि अपनी ही राशि में है। सूर्य पर राहु की दृष्टि भी पड़ रही है। ग्रहों की ये स्थिति ठीक नहीं है। सूर्य के राशि बदलने का असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। जिससे ज्यादातर लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कई लोग मानसिक और शारीरिक तौर से तो परेशान रहेंगे ही साथ ही सेहत संबंधी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। शनि-सूर्य का अशुभ योग बनने से राजनीतिक नजरिये से समय अनुकूल नहीं रहेगा। बड़े बदलाव और विवाद होने की आशंका है।
अशुभ असर से बचने के उपाय
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि रोज सुबह पानी में तिल और लाल चंदन डालकर नहाएं। उगते हुए सूरज को जल चढ़ाएं। सूर्य और शनि के अशुभ असर से बचने के लिए पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और घी का दीपक लगाकर उसकी परिक्रमा करें। शाम को हनुमानजी और शनि देव के मंदिर में तिल के तेल का दीपक लगाएं। शनि देव को तिल या सरसों का तेल चढ़ाएं। जरूरतमंद लोगों को भोजन और गर्म कपड़ों का दान करें।