अगहन मास की शुरूआत: 15 दिसंबर तक रहेगा, श्रीकृष्ण और शंख पूजा का विशेष महत्व
Astrology Articles I Posted on 16-11-2024 ,08:53:56 I by:
हिंदू पंचांग के अनुसार अगहन मास की शुरुआत हो गई है, जो 15 दिसंबर तक चलेगा। यह माह धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस मास को भगवान श्रीकृष्ण और शंख पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। साथ ही, अक्षय पुण्य प्राप्त करने के लिए स्नान, दान और व्रत का भी विशेष महत्व है।
अगहन मास का धार्मिक महत्व
अगहन मास को मार्गशीर्ष मास भी कहा जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास माना जाता है, और भगवद्गीता में स्वयं श्रीकृष्ण ने इसे मासों में श्रेष्ठ बताया है। इस महीने में श्रद्धालु विशेष रूप से श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।
शंख पूजा का महत्व
इस माह में शंख पूजा का भी बड़ा महत्व है। शंख को समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। अगहन मास में शंख की पूजा से जीवन में सुख-शांति और सकारात्मकता आती है।
स्नान-दान की परंपरा
अगहन मास में गंगा स्नान और दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। श्रद्धालु इस महीने में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करते हैं। यह परंपरा अक्षय पुण्य के लिए की जाती है।
त्योहार और विशेष तिथियां
अगहन मास के दौरान कई महत्वपूर्ण तिथियां पड़ती हैं। इस महीने में श्रीकृष्ण कथा, भागवत पाठ, और अन्य धार्मिक आयोजन भी आयोजित किए जाते हैं। इसे वर्ष का ऐसा समय माना जाता है जब साधना और पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध कर सकता है।
धार्मिक अनुष्ठानों का समय
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस महीने में किए गए अनुष्ठान और व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए अगहन मास को धर्म-कर्म और साधना के लिए अत्यधिक फलदायी माना गया है।
अगहन मास की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालु धार्मिक गतिविधियों में जुट गए हैं। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और शंखध्वनि से माहौल भक्तिमय हो गया है।