बजरंगबली को पसंद है सिंदूर, क्यों !

हाल ही में चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा 16 अप्रैल 2022 को हनुमानजी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया था। उस दिन हनुमानजी पर भक्तों ने चमेली के तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाने में कोई कोताही नहीं बरती। हनुमानजी के हर मंदिर और घर में स्थापित उनकी मूर्ति पर चमेली का तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाया गया था। कहा जाता है कि हनुमानजी को सिंदूर बहुत पसन्द है।

आज हम अपने पाठकों को इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि आखिर क्योंकर हनुमानजी को सिंदूर पसन्द है...

लंका विजय के बाद जब भगवान रामचंद्रजी अयोध्या के राजा बने, तो हनुमानजी भी अपने प्रभु की सेवा में अयोध्या में ही थे। एक दिन माता सीता स्नान के बाद माथे पर सिंदूर लगा रही थीं, उन्हें हनुमानजी बड़े ही आश्चर्य भाव से देख रहे थे। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए आखिर में उन्होंने सीता माता से पूछा, हे माते, आप अपने माथे पर यह क्या लगा रही हैं और क्यों लगा रही हैं? हनुमानजी के प्रश्न को सुनकर माता सीता मुस्कुराने लगीं। उन्होंने हनुमानजी की जिज्ञासा को शांत करने के लिए कहा कि वे अपने माथे पर प्रतिदिन सिंदूर लगाती हैं और इसे देखकर भगवान श्रीराम प्रसन्न होते हैं। हनुमानजी को यह बात आश्चर्य वाली लगी कि उनके प्रभु यह लाल रंग की वस्तु लगाने से प्रसन्न होते हैं।
प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी कुछ भी कर सकते है। उन्होंने सोचा कि माता सीता अपनी ललाट पर थोड़ा ही सिंदूर लगाती हैं जिसको देख कर भगवान श्रीराम खुश हो जाते हैं तो मैं इसको अपने पूरे शरीर पर लगा लूं तो भगवान राम अत्यंत ही प्रसन्न हो जाएंगे। हनुमानजी ने बड़े ही प्रेम से अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया और राम दरबार में पहुंच गए। राम दरबार में हनुमान जी के इस स्वरूप को देखकर हर कोई उनका मजाक बनाने लगा। प्रभु राम और माता सीता भी हनुमानजी का यह रूप देखकर मुस्कुराने लगे। उधर हनुमानजी प्रभु के प्रेम में डूबे हुए थे। तब रामजी ने पूछा कि आपने अपने पूरे शरीर में सिंदूर क्यों लगा लिया है?
बजरंगबली ने कहा कि माता सीता अपने माथे पर सिंदूर लगाती हैं, तो आप प्रसन्न होते हैं। इस वजह से मैंने अपने पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगा लिया ताकि आप अति प्रसन्न हो जाएं। उनके जवाब को सुनकर प्रभु राम और माता सीता मुस्कुराने लगे। इस वजह से हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है।


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