सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाए पूर्ण होती हैं

* प्रदोष व्रत - 27 जनवरी 2025, सोमवार
* प्रदोष पूजा मुहूर्त - 18:16 से 20:34
* कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ - 20:54, 26 जनवरी 2025
* कृष्ण त्रयोदशी समाप्त - 20:34, 27 जनवरी 2025

शिवकृपा प्राप्त करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है।

भोलेनाथ जब प्रसन्न होते हैं तो समस्त दोष समाप्त कर परम प्रसन्नता, परम सुख प्रदान करते हैं, प्रदोष व्रत-पूजा बहुत ही सरल है क्योंकि भोलेनाथ एकमात्र देव हैं जो पवित्र मन से की गई पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं।

शिवोपासना में दुर्लभ मंत्र और कीमती पूजा सामग्री की जरूरत नहीं है, सच्चे मन से... जाप करें और शिवलिंग पर सर्वसुलभ पवित्र जल चढ़ाएं।  

सुख का अहसास कराता है- शांत मन और दुख का कारण है- अशांत मन, शिवोपासना से तुरंत मानसिक शांति प्राप्त होती है।


प्रदोष व्रत में दिनभर निराहार रहकर सायंकाल पवित्र स्नान करने के बाद श्वेत वस्त्रों में शांत मन से भगवान शिव का पूजन किया जाता है।जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार के दोष मिट जाते  है।

इस व्रत के प्रमुख देवता शिव हैं इसलिए उनके साथ-साथ शिव परिवार की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है।

विभिन्न दिनों के प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता है....
सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से ऋण-रोग से मुक्ति मिलती है, बुधवार के दिन यह व्रत करने सर्व कामना सिद्धि होती है, बृहस्पतिवार के प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है, शुक्रवार प्रदोष व्रत से सौभाग्य की वृद्धि होती है, शनिवार प्रदोष व्रत से संतान सुख की प्राप्ति होती है, रविवार के दिन प्रदोष व्रत हमेशा स्वस्थ रखता है, संपूर्ण वर्ष प्रदोष व्रत संपूर्ण सुख प्रदान करता है!

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर

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