अक्षय तृतीया तिथि से जु़डी विशेष घटनाएं
Astrology Articles I Posted on 09-05-2016 ,08:31:38 I by:
पौराणिक ग्रंथों में इस तिथि की महिमा का विशेष गुणगान किया गया है। पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से अनेक घटनाएं जुड़ी हुई हैं। आइए जानते है अक्षय तृतीया तिथि से जुड़ी विशेष घटनाएं...
भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया तिथि से ही सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ हुआ। इसीलिए इस तिथि को युगादि तिथि कहा जाता है।
भगवान विष्णु ने छठवें अवतार भगवान परशुराम जी का जन्म अक्षय तृतीया को ही हुआ था।
भगवान विष्णु के स्वरुप नर-नारायण और हयग्रीव का अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था।
अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते हैं।
इस पावन अवसर पर वृंदावन के श्रीबांकेबिहारी जी महाराज के भक्तों को चरण दर्शन साल में एक ही बार होते हैं। बाकी दिनों में पूरे साल चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं।
मां अन्नपूर्णा का जन्म भी अक्षय तृतीया के पावन अवसर हुआ था।
इसी तिथि में भगवान कृष्ण ने द्रोपदी को चीरहरण से बचाया था।
भगवान कृष्ण और सुदामा जी का मिलन भी इस पावन तिथि में हुआ था।
अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ही ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण हुआ था।
अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ही महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।