अभिजीत मुहूर्त ब्र�मा के वरदान से सर्वसिद्धिदायक है, लेकिन बुधवार और दक्षिण दिशा की यात्रा के लिए वर्जित है!
Vastu Articles I Posted on 21-01-2025 ,08:04:30 I by:
मुंबई. शुभ मुहूर्त को लेकर अक्सर लोग तनाव में रहते हैं और इस कारण से कई बार अच्छे काम न केवल देर से होते हैं बल्कि कई बार खराब भी हो जाते हैं. शुभ मुहूर्त किसी कार्य को प्रारंभ करने के लिए शुभ समय-समूह उपलब्ध करवाता है लेकिन इसमें भी अशुभ क्षण होते हैं. इसी तरह शेष समय-समूह में भी शुभ क्षण होते हैं. इसलिए शुभ मुहूर्त मिल जाए तो उत्तम अन्यथा शुभ संकल्प के साथ कार्य आरंभ करें, शुभ परिणाम ही मिलेंगे.
वैसे अभिजीत मुहूर्त ऐसा शुभ समय है जो शुभ मुहूर्त के अभाव में कार्यारंभ के लिए उत्तम मुहूर्त माना जाता है. जब शुभ कार्य, यात्रा, अक्षरारंभ, विवाह आदि संस्कारों के लिए मुहूर्तों में शुद्ध लग्न नहीं मिल रहा हो, तब सभी शुभ कार्य अभिजीत मुहूर्त में किए जा सकते हैं...यह शुभ कार्यों के लिए उत्तम है...यह मध्याह्न में अष्टम मुहूर्त होता है...अभिजीत मुहूर्त ब्रह्मा के वरदान से सर्वसिद्धिदायक है, लेकिन बुधवार और दक्षिण दिशा की यात्रा के लिए वर्जित है... इस मुहूर्त में विवाह सफल होते हैं, परिवार की सुख-समृद्धि-संतान में वृद्धि होती है. कार्य-व्यवसाय और धन संचय के लिए यह श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है. प्रतिदिन इस समय में व्यावसायिक कार्य जैसे आर्डर- माल लेना, भेजना, धन जमा करना- सेविंग आदि किए जा सकते हैं. ईएमआई भरना आदि भी इस समय में करने से जल्दी कार्य सम्पन्न होते हैं, ऋणमुक्ति मिलती है!
किसी भी कार्य को शुभ समय में शुरू करने का इतना ही लाभ होता है उस कार्य के दौरान कम से कम बाधाएं आती हैं और परिणाम शुभ मिलने की उम्मीद रहती है लेकिन वास्तविक परिणाम तो व्यक्तिगत सद्कर्म और भाग्य पर ही निर्भर रहता है. सद्कर्म और प्रयास के बगैर शुभ मुहूर्त और भाग्य अर्थहीन हो जाते हैं जैसे प्रकाश के बगैर छाया का अस्तित्व नहीं रहता है! जब भाग्य कमजोर हो तो पवित्र प्रार्थना के साथ शुभ मुहूर्त में शुभ कर्म आरंभ करें, कामयाबी मिलेगी.
भाग्य महज कर्म की कामयाबी का प्रतिशत तय करता है इसलिए भाग्य से जीतने के लिए अधिकाधिक शुभ कर्म करें.
अभिजीत मुहूर्त में कार्यारंभ करते समय सफलता के लिए पवित्र मन से ब्रह्मा देव से प्रार्थना करें, संभव हो तो कार्य की सफलता के पश्चात ब्रह्मादेव के दर्शन करें. देश में ब्रह्मा मंदिर बहुत कम हैं. प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिरों में अजमेर के पास पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर है तो राजस्थान में ही बांसवाड़ा के पास छींच में प्राचीन ब्रह्मा मंदिर है.
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर