जानें योगिनी एकादशी का महत्व और पूजा विधि
Astrology Articles I Posted on 29-06-2019 ,16:52:51 I by: vijay
योगिनी एकादशी का हिन्दू
धर्म में बड़ा महत्व है। आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष में पडऩे वाली एकादशी को
योगिनी एकादशी कहते हैं। इस बार योगिनी एकादशी 29 जून को है। इस दिन सृष्टि
के पालनहार श्री हरि विष्णु की पूजा का विधान है।
मान्यता है कि योगिनी
एकादशी का व्रत करने से व्रती को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही
वह इस लोक के सुख भोगते हुए स्वर्ग की प्राप्ति करता है। पौराणिक मान्यताओं
के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत करने से 28 हजार ब्राह्मणों को भोजन
कराने का पुण्य प्राप्त होता है।
ज्योतिष के मुताबिक, इस व्रत की तैयारी
कर रहे तो आपको बता दे यह व्रत बहुत महत्व रखता है। अगर व्रत रख रहे हैं
तो यह पूर्ण सात्विक होना चाहिए। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की मूर्ति
रखकर श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। इसके साथ साथ ओम नमो भगवते
वासुदेवाय महामंत्र का जप करें जिससे भगवान आप पर जल्द कृपा बरसाएं। इस दिन
न सिर्फ पूजा बल्कि दान का भी बड़ा महत्व होता है। माना जाता है कि एकादशी
को जल और अन्न का दान बहुत फलदायी होता है।
योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त...शुभ मुहूर्त- प्रात: 05:30 से 06:30 फिर 11:56 से 12:50 बजे तक।
योगिनी एकादशी पर व्रत विधि...
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इस व्रत का महत्व बताते हुए भगवान कृष्ण ने इसके बारे में बताया था कि
योगिनी एकादशी का व्रत 28 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल देता
है। इसके व्रत से समस्त पाप दूर हो जाते हैं और अंत में स्वर्ग प्राप्त
होता है।
- इस दिन सुबह उठ कर स्नान कर लें। फिर साफ कपड़े पहन कर एक कुंभ की स्थापना करें।
- कुंभ स्थापित करने के बाद उस पर विष्णु भगवान की मूर्ति स्थापित करें।
- उसके बाद मूर्ति पर लाल फूल, अक्षत, नैवेध आदि से उनकी पूजा करें।
- इस दिन भगवान विष्णु को पीली चीजें चढ़ाएं। और लोगों में प्रसाद बांटे।
- फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु का कीर्तन और जागरण करें।
- यदि आप व्रत रख रहे हैं तो दूसरे दिन यानि द्वादशी के दिन अपना व्रत तोड़ सकते हैं।
- इस दिन पीपल का पौधा लगाएं और निर्धनों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।
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