इन शंखों की पूजा करने भर से हो जाएंगे वारे-न्यारे
Astrology Articles I Posted on 13-11-2017 ,13:35:28 I by: vijay
ज्योतिष में शंखों को बेहद पवित्र और शुभ माना है। कहते हैं शंख से
वास्तुदोष भी मिटाया जा सकता है। शास्त्रों के
अनुसार कुछ खास शंखों की पूजा करने से वारे-न्यारे हो जाते हैं और धन की
कभी कोई कमी नहीं रहती-
कामधेनु शंख : ये शंख भी प्रमुख
रूप से दो प्रकार के हैं। एक गोमुखी शंख और दूसरा कामधेनु शंख। यह शंख
कामधेनु गाय के मुख जैसी रूपाकृति का होने से इसे गोमुखी कामधेनु शंख के
नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि कामधेनु शंख की पूजा-अर्चना करने से
तर्कशक्ति प्रबल होती है और सभी तरह की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
कामधेनु शंख हर तरह की मनोकामना पूर्ण करने में सक्षम है। महर्षि पुलस्त्य
ने लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस शंख का उपयोग किया था। पौराणिक शास्त्रों
में इसके प्रयोग द्वारा धन और समृद्धि स्थायी रूप से बढ़ाई जा सकती है।
कौरी शंख: कौरी शंख अत्यंत ही दुर्लभ शंख है। माना जाता है
कि यह जिसके भी घर में होता है उसका भाग्य खुला जाता है और समृद्धि बढ़ती
जाती है। प्राचीनकाल से ही इस शंख का उपयोग गहने, मुद्रा और पांसे बनाने
में किया जाता रहा है। कौरी को कई जगह कौड़ी भी कहा जाता है। पीली कौड़िया
घर में रखने से धन में वृद्धि होती है।
हीरा शंख : इसे पहाड़ी शंख भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल
तांत्रिक लोग विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए करते हैं। यह
दक्षिणावर्ती शंख की तरह खुलता है। यह पहाड़ों में पाया जाता है। इसकी खोल
पर ऐसा पदार्थ लगा होता है, जो स्पार्कलिंग क्रिस्टल के समान होता है
इसीलिए इसे हीरा शंख भी कहते हैं।
मोती शंख : यदि आपको घर
में सुख और शांति चाहिए तो मोती शंख स्थापित करें। सुख और शांति होगी तभी
समृद्धि बढ़ेगी। मोती शंख हृदय रोगनाशक भी माना गया है। मोती शंख को सफेद
कपड़े पर विराजमान करके पूजाघर में इसकी स्थापना करें और प्रतिदिन पूजन
करें।
अनंतविजय शंख : युधिष्ठिर के शंख का नाम अनंतविजय था। अनंत
विजय अर्थात अंतहीन जीत। इस शंख के होने से हर कार्य में विजय मिलती जाती
है। प्रत्येक क्षेत्र में विजय प्राप्त के लिए अनंतविजय नामक शंख मिलना
दुर्लभ है।
मणि पुष्पक और सुघोषमणि शंख : नकुल के पास सुघोष और सहदेव
के पास मणि पुष्पक शंख था। मणि पुष्पक शंख की पूजा-अर्चना से यश कीर्ति,
मान-सम्मान प्राप्त होता है। उच्च पद की प्राप्ति के लिए भी इसका पूजन
उत्तम है।
वीणा शंख : विद्या की देवी सरस्वती भी शंख धारण
करती है। यह शंख वीणा समान आकृति का होता है इसीलिए इसे वीणा शंख कहा जाता
है। माना जाता है कि इसके जल को पीने से मंदबुद्धि व्यीक्ति भी ज्ञानी हो
जाता है। अगर वाणी में कोई दोष है या बोल नहीं पाते हैं तो इस शंख का जल
पीने के साथ-साथ इसे बजाएं भी।
अन्नपूर्णा शंख : अन्नपूर्णा का अर्थ होता है अन्न की
पूर्ति करने वाला या वाली। इस शंख को रखने से हमेशा बरकत बनी रहती है। यह
धन और समृद्धि बढ़ाता है। गृहस्थ जीवन-यापन करने वालों को प्रतिदिन इसके
दर्शन करने चाहिए।
देवदत्त शंख : यह शंख महाभारत में अर्जुन के पास था।
वरुणदेव ने उन्हें यह गिफ्ट में दिया था। इसका उपयोग दुर्भाग्यनाशक माना
गया है।
माना जाता है कि इस शंख का उपयोग न्याय क्षेत्र में विजय दिलवाता है।
न्यायिक क्षेत्र से जुडेे लोग इसकी पूजा कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस
शंख को शक्ति का प्रतीक भी माना गया है।
महालक्ष्मी शंख : इस शंख को प्राकृतिक रूप से निर्मित
श्रीयंत्र भी कहा जाता है इसीलिए इसका नाम महालक्ष्मी शंख है। माना जाता है
कि यह महालक्ष्मी का प्रतीक है।
शंख की पूजा इस मंत्र से करेंत्वंपुरा सागरोत्पन्न विष्णुनाविघृतःकरे देवैश्चपूजितः सर्वथौपाच्चजन्यमनोस्तुते।
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