स्त्रियां क्यों नहीं फोड़तीं नारियल, जानें- कई रोचक बातें
Astrology Articles I Posted on 27-05-2016 ,18:53:58 I by:
भारतीय धर्म और संस्कृति में नारियल का बहुत महत्व है। नारियल को श्रीफल के
नाम से भी जाना जाता है। भारतीय वैदिक परंपरा अनुसार श्रीफल शुभ, समृद्धि,
सम्मान, उन्नति और सौभाग्य का सूचक माना जाता है। किसी को सम्मान देने के
लिए उनी शॉल के साथ श्रीफल भी भेंट किया जाता है। भारतीय सामाजिक
रीति-रिवाजों में भी शुभ शगुन के तौर पर श्रीफल भेंट करने की परंपरा युगों
से चली आ रही है। विवाह की सुनिश्चित करने हेतु अर्थात तिलक के समय श्रीफल
भेंट किया जाता है। बिदाई के समय नारियल व धनराशि भेंट की जाती है। यहां तक
की अंतिम संस्कार के समय भी चिता के साथ नारियल जलाए जाते हैं। वैदिक
अनुष्ठानों में कर्मकांड में सूखे नारियल को वेदी में होम किया जाता है।
सौभाग्य का प्रतीक है नारियल-नारियल
को श्रीफल भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है, जब भगवान विष्णु ने पृथ्वी
पर अवतार लिया तो वे अपने साथ तीन चीजें- लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष तथा
कामधेनु लाए। इसलिए नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष भी कहते है। नारियल में
ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही देवताओं का वास माना गया है। श्रीफल
भगवान शिव का परम प्रिय फल है। नारियल में बनी तीन आंखों को त्रिनेत्र के
रूप में देखा जाता है।
सम्मान का सूचक है नारियल-श्रीफल
शुभ, समृद्धि, सम्मान, उन्नति और सौभाग्य का सूचक है। सम्मान करने के लिए
शॉल के साथ श्रीफल भी दिया जाता है। सामाजिक रीति-रिवाजों में भी नारियल
भेंट करने की परंपरा है। जैसे बिदाई के समय तिलक कर नारियल और धनराशि भेंट
की जाती है। रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों को राखी बांध कर नारियल भेंट करती
हैं और रक्षा का वचन लेती हैं।
नारियल से सीखें-नारियल
ऊपर से कठोर किंतु अंदर से नरम और मीठा होता है। हमें भी जीवन में नारियल
की तरह बाहर से कठोर और अंदर से नरम व मधुर स्वभाव बनाना चाहिए।
स्त्रियां नहीं फोड़तीं नारियल-यह
भी एक तथ्य है कि महिलाएं नारियल नहीं फोड़तीं। नारियल बीज रूप है, इसलिए
इसे उत्पादन (प्रजनन) क्षमता से जोड़ा गया है। स्त्रियां प्रजनन की कारक
हैं और इसी वजह से स्त्रियों के लिए बीज रूप नारियल को फोडऩा वर्जित किया
गया है। देवी-देवताओं को श्रीफल चढ़ाने के बाद पुरुष ही इसे फोड़ते हैं।
नारियल से निकले जल से भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक भी किया जाता है।
बलि का प्रतीक-आमतौर
पर नारियल को बधार कर (फोडक़र) ही देवी-देवताओं को चढ़ाते हैं। देवताओं को
खुश करने के लिए बलि देने की परंपरा थी, जब इस परंपरा पर कानूनी रोक लगी तो
लोगों ने नारियल को बलि का बकरा बना दिया।