जानिए, मौनी अमावस्या पर दान और मौन व्रत का महत्व
Astrology Articles I Posted on 24-01-2020 ,14:02:07 I by: vijay
हिंदू धर्म में स्नान, दान और ध्यान का बड़ा महत्व होता है। बता दें कि 24
जनवरी को माघ मास की अमावस्या तिथि है जिसे मौनी अमावस्या के नाम से जाना
जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में स्वर्ग के देवी-देवताओं
भी स्नान करने के लिए गंगा नदी में आते हैं। माघ मौनी अमावस्या के दिन मौन
व्रत रखकर गंगा स्नान करने अथाह पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
गंगा स्नान का महत्व
हिन्दु
धर्म के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में संगम में गंगा स्नान
से तन और मन की शुद्धि तो होती ही है, दान करने से धन की वृद्धि होती है।
कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र
संगम पर देवताओं का वास होता है।
मौनी अमावस्या प्राचीन धार्मिक कथा
संगम में स्नान
के संदर्भ में एक अन्य कथा का भी उल्लेख आता है, वह है सागर मंथन की कथा।
जब समुद्र मंथन से भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए उस समय देवताओं
एवं असुरों में अमृत कलश के लिए विवाद होने लगा और इसी बीच अमृत कलश से
अमृत की कुछ बूंदें छलक कर इलाहाबाद, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन आदि नगरों
गिर गई।
इसी कारण इन स्थानों पर कुंभ मेला का आयोजन भी होने लगा जिसके
लाखों की संख्या में साधु-संत, श्रद्धालु भाग लेकर पवित्र स्थान भी करने
लगे। माना जाता है कुंभ मेले के अतिरिक्त माघ माह की अमावस्या तिथि पर यहां
स्नान करने से अमृत पुण्य की प्राप्ति होती है। तभी से ये माना जाने लगा
कि इन चार स्थानों पर विशेष दिन नदियों में स्नान करने से अमृत स्नान का
पुण्य लाभ प्राप्त होता है।
मौन व्रत रखने के फायदा माघ
मौनी अमावस्या के दिन तिल दान भी उत्तम कहा गया है और इस तिथि को मौनी
अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन पूरे समय मौन व्रत रखकर अपने ईष्ट देव के
मंत्रों का मानसिक जाप करना चाहिए।
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