किस रंग पर है किस ग्रह का अधिकार, जानते हैं आप?
Astrology Articles I Posted on 07-11-2017 ,11:10:30 I by: vijay
ज्योतिष कहता है कि हर रंग पर किसी ने किसी ग्रह का अधिकार होता है।
जैसे सूर्य का सुनहरा पीला है, चंद्रमा का सफेद, मंगल का लाल, गुरु का
पीला, शनि का काला, बुध का हरा, शुक्र का गुलाबी व सफेद, राहु का धूसर और
केतु का चितकबरा यानि दो तरह के रंग आपस में पूरी तरह मिले हुए हों। जैसे
काले और सफेद तिलों को आपस में मिला देने पर जो रंग मिलता हो वह केतु का
रंग है।
सूर्य हमारे जीवन को ओज और ऊर्जा से भर देता
है। इसका रंग नारंगी व सुनहला है यह हमारे आपसी संबंधों को मजबूती प्रदान
कर चेहरे को खिला देता है।
चंद्रमा का रंग सफेद है। यह हमारी कल्पनाशक्ति व मानसिक शक्ति का
स्वामी है। यह मन की शांति व खूबसूरती का सूचक ग्रह है। यह हमारे मनोभावों
तथा मनोकामनाओं को साकार करने के द्वार खोलता है। यह मन का स्वामी है।
मंगल का रंग लाल होता है। मंगल और शुक्र का मिलन बड़ा ही
रोचक होता है। मंगल हमें जोश व उत्साह प्रदान करता है। शुक्र हमें सांसारिक
खुशियां प्रदान कर जीवन व मन को प्रसन्न बनाता है।
बुध का
रंग हरा है जो उन्नति और प्रसन्नता का सूचक है। यह रिश्तों में प्रेम और
चाहत को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है तथा रिश्तों को घनिष्ठता के
सूत्र में पिरो के रखता है। दिलों को मिला उनमें हंसी-खेल व मित्रता की
भावना को बढ़ाता है। हमारे चेहरे को कांति भी देता है। यह तंत्रिका तंत्र
का स्वामी है।
गुरु (बृहस्पति) का रंग पीला होता है। यह ग्रह
वैभव व समृद्धि का सूचक है। इसे बुद्धि का स्वामी तथा विवेक का रंग भी कहा
जाता है। भारतीय वांङमय में शुभ कार्यो में पीले वस्त्र का विशेष महत्व
है। इस रंग से खुशियां बढ़ती हैं। ज्ञान प्राप्त होता है व ऊर्जा मिलती है।
सौभाग्य तथा बुद्धि में वृद्धि होती है।
शुक्र का सफेद रंग मानसिक शांति का और मंगल का लाल रंग जोश व
उमंग का सूचक है।
शनि का रंग काला व नीला होता है। नीला रंग प्रसन्नता व शांति का सूचक है।
नीला रंग हमें शांति ही नहीं देता, बल्कि हमारी चेतना शक्ति को भी प्रभावित
करता है।
शनि ग्रह रात का स्वामी है। काली रात में हल्के
नीले रंग के बल्ब का प्रयोग शयन कक्ष में किया जाए तो सुखद व गहरी नींद भी
आती है। यह रंग सिर्फ नींद ही नहीं देता बल्कि हमारे जीवन के अति विशिष्ट
रिश्तों को मधुरता और मजबूती प्रदान कर उनमें मिठास घोल देता है।
राहु का रंग काला और धूसर और केतु का रंग चितकबरा होता है।
होली के अवसर पर इनका प्रयोग आपके जीवन में उत्साह ऊर्जा शक्ति तथा मधुरता
घोलेगा।
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