इस चमत्कारी चक्र के प्रयोग से सोई किस्मत भी जाग जाती है....

लक्ष्मी और कुबेर को प्रिय एक खास चमत्कारी चक्र आपकी किस्मत भी बदल सकता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है-


यह चमत्कारी चक्र है गोमती चक्र। यह एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। असाध्य रोगों को दूर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिए लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल दें। सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ-इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दूर होते हैं।

यदि शत्रु बढ़ गए हों तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है उतने गोमती चक्र लेकर उस पर शत्रु का नाम लिखकर उन्हें जमीन में गाड़ दें तो शत्रु परास्त हो जाएंगे।

यदि बार-बार गर्भ गिर रहा हो तो दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर कमर में बांध दें तो गर्भ गिरना बंद हो जाता है।

यदि कोई कचहरी जाते समय घर के बाहर गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पांव रखकर जाए तो उस दिन कोर्ट-कचहरी में सफलता प्राप्त होती है।

चाँदी में जड़वाकर बच्चे के गले में पहना देने से बच्चे को नजर नहीं लगती तथा बच्चा स्वस्थ बना रहता है।

यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर से घुमाकर आग में डाल दे तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है।

प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें-निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे। यदि गोमती चक्र को लाल सिंदूर के डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-शांति बनी रहती है।

यदि पति-पत्नी में मतभेद हो तो तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में "हलूं बलजाद" कहकर फेंद दें धीरे-धीरे ये मतभेद समाप्त हो जाएगा।

गोमती चक्र को होली के दिन थोड़ा सिंदूर लगाकर शत्रु का नाम उच्चारण करते हुए जलती हुई होली में फेंक दें आपका शत्रु भी मित्र बन जाएगा।

यदि आपके बच्चे अथवा परिवार के किसी सदस्य को जल्दी-जल्दी नजर लगती हो तो आप शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र को घर के पूजा स्थल में मां दुर्गा की तस्वीर के आगे लाल या हरे रेशमी वस्त्र पर स्थान दें। रोली आदि से तिलक करके नियमित रुप से मां दुर्गा को 5 अगरबत्ती अर्पित करें। अब मां दुर्गा का कोई भी मंत्र जप करें-जप के बाद अगरबत्ती के भभूत से सभी गोमती चक्रों पर तिलक करें नवमी को तीन चक्र पीड़ित पर से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दें। एक चक्र को हरे वस्त्र में बांधकर ताबीज का रुप देकर मां दुर्गा की तस्वीर के चरणों से स्पर्श करवाकर पीड़ित के गले में डाल दें बाकि बचे सभी चक्रों को पीड़ित के पुराने धुले हुए वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें ।

यदि आपका बच्चा अधिक डरता हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को हनुमान् जी के मन्दिर में जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिन्दूर से तिलक करके प्रभु के चरणों में रख दें। एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। गोमती चक्र उठाकर लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें।

खूब मेहनत करने पर भी अगर आपके घर में समृद्धि नहीं आ रही तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र लेकर घर के पूजा स्थल में मां लक्ष्मी व श्री विष्णु की तस्वीर के समक्ष पीले रेशमी वस्त्र पर स्थान दें। रोली से तिलक कर प्रभु से अपने निवास में स्थायी वास करने का निवेदन करें। समृद्धि के लिए प्रार्थना करके हल्दी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”मंत्र की तीन माला जप करें। फिर देखिए चमत्कार।



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