सुख-शांति और वैभव पाने के लिए इसका जाप और पाठ जरूर करें
Astrology Articles I Posted on 12-10-2016 ,09:48:24 I by: Amrit Varsha
जीवन में आ रही दिनोंदिन मानसिक अशांति, क्रोध, शांति प्राप्ति एवं अमृत्व के लिए श्रीमद्भगवद् गीता के चौदहवें अध्याय के इस श्लोक का विशेषकर गुरुवार या रविवार से जाप व ध्यान करने से आत्मिक शान्ति व घर में सुकून मिलता है-
गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देह समुद्भवान्। जन्ममृत्युजराहु: खैर्विमुक्तोकमृतमश्रुते ।।
प्रतिदिन प्रात: काल या सायंकाल इस श्लोक का 21 बार उच्चारण करें तथा एक 101 बार ओम कृष्णाय नम: का जाप करें। धर्मशास्त्रीय दृष्टि से जाप के समय प्याज, लहसुन, मदिरा व मांस का सेवन पूर्णत: वर्जित है।
तामसी प्रवृत्ति वाले पुरुषों को यह जाप कृष्ण मंदिर या पीपल या वटवृक्ष के नीचे करना चाहिए और गुरुवार को पीले वस्त्र व रविवार को बैगनी वस्त्र धारण करने चाहिए।
बुजुर्ग व बीमार लोगों को शनिवार को इस श्लोक के जाप के पश्चात अपने हाथों से काले तिल, तेल का तिल साबूत सरसों व काले वस्त्रों का दान करना चाहिए।
रात्रि में जप के पश्चात भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करना चाहिए। यूं तो किसी भी मंत्र का जाप लाभदायक माना जाता है, लेकिन खासकर उपरोक्त अध्याय और श्लोक का जाप सकारात्मक परिणाम देता है।
जाप करने से जातक कुछ ही दिनों में मानसिक शांति महसूस करने लगता है। यहां तक कि परिवार के अन्य सदस्य भी इसका जाप करें तो घर में शांति और खुशहाली का वास होने लगता है। परिवारजनों में आत्मीयता बढऩे लगती है।