छोटा सा दिखने वाला यह पेड, पैसों को अपनी ओर खींचने की ताकत रखता है
Astrology Articles I Posted on 23-11-2017 ,13:15:58 I by: vijay
भारतीय धर्म एवं संस्कृति में बहुत से पेड़-पौधों को पूजनीय मानते हुए
उन्हें लगाकर उनका संरक्षण करना अनिवार्य बताया गया है। इनमें तुलसी, पीपल,
आंवला, बरगद, अशोक, आम, बेल, आदि प्रमुख हैं। यद्यपि इन पौधों का सीधा
संबंध हमारे पर्यावरण के संरक्षण से है फिर भी अनेक धार्मिक और मांगलिक
कार्यों में इनका उपयोग किया जाता है। तुलसी एकमात्र ऐसा पौधा है जो आसानी
से कहीं भी लगाया जा सकता है। इसके लिए ज्यादा जगह की भी आवश्यकता नहीं
होती है। भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय हैं। प्रसाद के साथ तुलसी दल का
प्रयोग अधिक शुभ फलदायी माना गया है। कहते हैं कि जिस घर में तुलसी का
पौधा बिना किसी विशेष श्रम के वृद्धि करता है, वहां सुख, समृद्धि, शांति और
संपन्नता बनी रहती है तथा अगर भवन में किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो वह
भी दूर हो जाता है।
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तुलसी में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के साथ-साथ त्रिदेवी महालक्ष्मी, महाकाली तथा सरस्वती का वास होता है।
नारद पुराण
में कहा गया है कि तुलसी के पौधे पर जल अर्पित करने वाला, तुलसी के पौधे
के मूल भाग की मिट्टी का तिलक लगाने वाला, तुलसी के चारों ओर कांटों का
आवरण या चारदीवारी बनवाने वाला और तुलसी के कोमल दलों से भगवान विष्णु के
चरण कमलों की पूजा करने वाला मनुष्य जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर
विष्णु लोक को प्राप्त होता है।
ब्राह्मणों को कोमल तुलसी दल
अर्पित करने वाले मनुष्य को तीन पीढ़ियों के साथ ब्रह्मलोक की प्राप्ति
होती है इसलिए तुलसी लगाते समय पवित्रता का ध्यान अवश्य रखा जाना चाहिए।
अपवित्र अथवा दूषित स्थान पर तुलसी लगाने से दोष होता है।
तुलसी के पौधे को कभी भी झूठे एवं गंदे हाथों से स्पर्श नहीं करना चाहिए।
घर में तुलसी का पौधा सदैव पूर्व अथवा उत्तर दिशा में ही लगाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में तुलसी लगाना दोषपूर्ण है। तुलसी में जो भी खाद और पानी दिया जाए वह शुद्ध एवं पवित्र हो।
तुलसी
के पौधे से तुलसी दल लेते समय जूते या चप्पल न पहनें तथा मन में शुद्ध भाव
रखते हुए तुलसी को हाथ जोड़कर प्रणाम करके ही तुलसी दल तोड़ें। परंतु
सूर्य देवता के अस्त होने के बाद, घर में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर
सूतक के दौरान, संक्रांति, अमावस्या, द्वादशी और रविवार के दिन तुलसी दल
नहीं लेना चाहिए।
घर में लगी हुई तुलसी पर नियमित रूप से जल अर्पित करने तथा
प्रातः एवं सायं शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करने से सभी कष्ट एवं समस्याओं
का निवारण होता है तथा घर-परिवार में सुख, समृद्धि और स्नेह-प्रेम में
वृद्धि होती है।
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