आपकी कुंडली में हैं ऐसे योग तो आपका विदेश जाना तय है
Astrology Articles I Posted on 18-10-2016 ,07:52:57 I by: Amrit Varsha
आज के इस युग में विदेश जाना बेहद सम्मान की बात माना जाता है। अगर आपकी जन्म कुंडली में कुछ खास योग बन रहे हैं तो आपको विदेश जाने से कोई भी रोक नहीं सकता। जानें खास योग-
ज्योतिष शास्त्र में विदेश यात्रा की को पाप ग्रहों यानी शनि, राहु, केतु और मंगल से जाना जाता है। कुंडली में चौथा और बाहरवें घर या उनके स्वामियों का संबंध यानी उस घर में स्थित राशि के स्वामी से विदेश में स्थायी रूप से रहने का सबसे बड़ा योग बनता है।
इस योग के साथ चतुर्थ भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव आवश्यक है। यानी उस घर में कोई भी पाप ग्रह स्थित हों या उनकी दृष्टि हो।
सप्तम और बाहरवें भाव या उनके स्वामियों का परस्पर सम्बन्ध जातक को विवाह के बाद विदेश लेकर जाता है। यह योग कुंडली में हो तो व्यक्ति विदेश में शादी कर के या किसी विदेशी मूल के व्यक्ति से शादी करने के बाद वीजा पाने में सफलता पता है।
पंचम और बाहरवें भाव के साथ उनके स्वामियों का संबंध शिक्षा के लिए विदेश जाने का योग बनता है। इस योग में जातक पढ़ने के लिए विदेश जा सकता है।
दसवें और बाहरवें भाव या उनके स्वामियों का संबंध व्यक्ति को विदेश से व्यापार या नौकरी के अवसर देता है।
चतुर्थ और नवम भाव का संबंध जातक को पिता के व्यापार के कारण या पिता के धन की सहायता से विदेश ले जा सकता है।
नवम और बाहरवें भाव का संबंध व्यक्तिे को व्यापार या धार्मिक यात्रा के लिए विदेश ले जा सकता है। इस योग में जातक का पिता भी विदेश व्यापार या धार्मिक वृतियों से सम्बन्ध रखता है।