सावन में रखा इन बातों पर ध्यान्ा तो हो जाएंगे चंद दिनों में निहाल
Astrology Articles I Posted on 10-08-2018 ,17:03:59 I by: vijay
सावन महादेव का प्रिय मास है। कहते हैं इस पूरे माह महादेव संसार सागर
में विचरण करते हैं और जहां भी भक्ततगण भक्तिभाव से उन्हें स्मरण करते
हैं, पूजा-अर्चना करते हैं वे वही उसे आशीर्वाद देकर उनकी मनोकामना पूरी
करते हैं। महादेव, बिल्व पत्र और पूजा-अर्चन से जुडी कई ऐसी बातें हैं, जो
बहुत कम लोगों को पता हैं। यदि से सारी बातें आमजन को पता लगे तो उनका
जीवन संवर सकता है।
बिल्व पत्र के रहस्यबिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं
आते। अगर किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका
मोक्ष हो जाता है। वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता
सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है। चार पांच छः या सात पत्तों वाले
बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल
मिलता है। बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है और बेल वृक्ष लगाने
से वंश की वृद्धि होती है। सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापो का
नाश होता है। बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते है। बेल वृक्ष और
सफ़ेद आक् को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। बेल पत्र
और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन
करते थे। जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिवलिंग पर बेल
पत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते हैं। बेल वृक्ष का
रोपण, पोषण और संवर्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का अवश्य लाभ
मिलता है।
शिवजी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बातें
शिवपुराण के
अनुसार किसी भी देवी-देवता का पूजन करते वक़्त उनको अनेक चीज़ें अर्पित की
जाती है। प्रायः भगवन को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग होता है।
शिव पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है की भगवन शिव को अर्पित करने वाली
अलग-अलग चीज़ों का क्या फल होता है। शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज
भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है-
भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। तिल चढ़ाने से पापों
का नाश हो जाता है। जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है। गेहूं
चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है। यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद
गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।
भगवान शिव को पसंद रस (द्रव्य) ज्वर (बुखार) होने पर भगवान
शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए
भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है। नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध
घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का
व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है। तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित
दूध भगवान शिव को चढ़ाएं। सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर
समृद्धि मे वृद्धि होती है। शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी
आनंदों की प्राप्ति होती है। शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों
की प्राप्ति होती है। मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा
(टीबी) रोग में आराम मिलता है।
भगवान शिव को कौन का फूल हैं पसंद
लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व
मोक्ष की प्राप्ति होती है। चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता
है। अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय
होता है। शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। बेला
के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है। जूही के फूल से शिव
का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। कनेर के फूलों से शिव
पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं। हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर
सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है। धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर
सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है। लाल डंठल
वाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
सौ सालों में पहली बार नवग्रह 2017 में करेंगे अपनी राशि परिवर्तन इन 4 उपायों से आपके पास पैसा खिंचा चला आएगा पूजा की थाली से करें लक्ष्मी-गणेश को प्रसन्न