इन उपायों से तीन महीनों में उतर जाए पुराने से पुराना कर्जा

वास्तु के नियमों के अनुसार किसी भी वास्तु अर्थात भवन पर कुछ दिशाएं सकारात्मक तो कुछ दिशाएं नकारात्मक असर डालती हैं। वहीं उस वास्तु में रहने वालों की जन्म कुंडली के कुछ विशेष योग भी जीवन में कई समस्याओं का कारण बनते हैं। इन्हीं में से एक है अथक प्रयासों के बावजूद लिया गया कर्जा चुकता न होना अथवा किसी को दिया गया कर्जा वापस न मिलना। ऐसे में कुछ उपाय करने से तीन महीनों में ही पुराने से पुराना कर्जा उतर जाता है।


वास्तु में निर्मित कमरे, रसोई, स्नानघर, शौचालय, खिड़की, दरवाजे, सीढ़ी, खुला स्थान, मुख्य द्वार आदि अगर दोषपूर्ण हों तो वहां रहने वालों को अन्य समस्याओं के साथ-साथ कर्जे जैसी समस्या से जूझना पड़ता है।

वास्तु में जल स्त्रोत जैसे बोरिंग, ट्यूब वैल, नलकूप आदि उत्तर-पूर्व दिशा में ही होने चाहिए। दक्षिण-पश्चिम दिशा में होने पर कर्जा होने की संभावना रहती है। वास्तु के प्रवेश द्वार के सामने गैराज, पानी की टंकी, सेप्टिक टैंक, नहर, भूमिगत नाली आदि होने पर भी धन की हानि संभव है।

वास्तु में दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य कोण कभी भी आगे नहीं निकला होना चाहिए वरना कर्जा होने का अंदेशा रहेगा। इस कोण को सदैव भारी ही रखना चाहिए। स्टोर तथा शयन कक्ष का निर्माण यहां कार्य जा सकता है।

वास्तु में धन रखने की आलमारी या तिजोरी का मुहं हमेशा उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए अन्यथा धन का अनावश्यक व्यय होता रहेगा और कर्जा होने की संभावना बनी रहेगी।

भवन या व्यवसाय स्थल की उत्तर दिशा में मछली घर रखना धनागमन के लिए शुभ माना गया है। ऐसा करने से लिया हुआ कर्जा जल्दी ही उत्तर जाता है।

वास्तु की पूर्व दिशा को सभी तरह के निर्माण कार्य और बाधाओं से मुक्त रखा जाना चाहिए। यह दिशा जितनी साफ़ और खाली रहेगी, उतनी जल्दी कर्जा से मुक्ति मिलेगी।

वास्तु की दक्षिण दिशा में अधिक द्वार और खिड़कियों का होना भी धन की कमी और कर्जा चढ़ने जैसी समस्या देता है। यदि ऐसा है तो इन्हें बंद करके रखना ही अच्छा रहेगा। इस दिशा में जल स्त्रोत भी नहीं होना चाहिए।

वास्तु की दक्षिण-पश्चिम दिशा का फर्श उत्तर-पूर्व दिशा के फर्श की तुलना में ऊंचा ही रखना चाहिए वरना भवन स्वामी कर्जे से परेशान रहेगा।

कर्जा लेने के लिए वर्जित काल
ज्योतिष के अनुसार संक्रांति के दिन, मंगलवार को, वृद्धि योग होने पर, हस्त नक्षत्र युक्त रविवार को कभी भी किसी से कर्जा नहीं लेना चाहिए अन्यथा लिया गया कर्जा आसानी से चुकता नहीं होगा। वहीँ कर्जा चुकाने के लिए शुभ दिन मंगलवार है। जबकि बुधवार के दिन किसी को कर्जा नहीं देना चाहिए। इसी तरह आश्लेषा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तरा भाद्रपद, उत्तराषाढ़, विशाखा, मूल अथवा ज्येष्ठा नक्षत्र में, भद्रा या व्यतिपात योग होने पर किसी को कर्जा देने से बचना चाहिए वरना वापसी की संभावना कम ही रहती है।

कर्जे से बचाव के उपाय

इक्कीस या पैंतालीस मंगलवार का व्रत करके ॐ भौमाय नमः मंत्र की तीन, पांच या सात माला का जप करना तथा गुड़ और आटे से बने खाद्य सेवन करना कर्जे से मुक्ति का आसान उपाय है। इस व्रत में नमक का सेवन वर्जित है।

मंगलवार को व्रत करते हुए ऋण मोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करने से भी कर्जा नहीं रहता और धन वृद्धि होती है।

दोष पूर्ण वास्तु में सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय तांबे से बने पिरामिड आकार के हवन कुंड में गाय के गोबर से निर्मित कंडे की अग्नि पर गाय के शुद्ध घी और हवन सामिग्री की आहुति देने से भी धन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है।

दोषपूर्ण वास्तु के कारण कर्जे की समस्या बनी रहने की दशा में वास्तु के दोष को तत्काल दूर कार्य जाना चाहिए।

कर्जे की समस्या से बचाव के लिए घर में कभी भी कांटेदार या दूध वाले पौधे नहीं लगाने चाहिए। तुलसी, अशोक, नारियल, पीपल, आंवला जैसे पौधे धन की कमी को दूर करने में सहायक होते हैं।
पूजा की थाली से करें लक्ष्मी-गणेश को प्रसन्न
मिलेगी सरकारी नौकरी अगर करें ये खास उपाय
शनि की साढे़साती के अशुभ फलों के उपाय

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2024 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team