वास्तु के इन उपायों से जीवन में आएगी खुशहाली, नहीं रहेगी धन की कमी
Astrology Articles I Posted on 15-11-2017 ,10:09:15 I by: Amrit Varsha
जीवन में सुख, शांति, स्नेह, प्रेम और सभी प्रकार की शुभता के लिए घर या कार्यस्थल पर वास्तु का ध्यान रखना आवश्यक है। वास्तु दोष के कारण जीवन कष्टमय हो सकता है। यहां हम सुखी जीवन के लिए कुछ वास्तु टिप्स बता रहे हैं।
उत्तर दिशा जल तत्व का प्रतीक है। इस दिशा में घर की महिलाओं के रहने की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए वरना उनमें मानसिक तनाव और दूसरे रोग सकते हैं।
सोने के कमरे में पलंग को दक्षिण दिशा की दीवार से लगाकर इस प्रकार रखें कि सोते समय सिरहाना पश्चिम या दक्षिण दिशा में हो। ऐसा करने से घर के स्वामी को सुख एवं आरोग्य लाभ मिलता है। उत्तर दिशा में सिर करके सोना ह्रदय रोग का कारण हो सकता है।
दक्षिण दिशा में पानी की निकासी के लिए नालियां होने से घर के मालिक को कष्ट, रोग एवं समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए घर की निकास नालिया सदैव उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए।
घर का मुख्य दरवाजा अंदर के अन्य दरवाजों की तुलना में बड़ा होना चाहिए। इसके विपरीत होने से घर के मालिक को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। समाधान के लिए घर के द्वार पर घंटियों की झालर, क्रिस्टल बॉल या लाल रंग का फीता लगाना चाहिए।
घर की छत पर बीम हो तो उसके नीचे बैठना, सोना, पढ़ना-लिखना या अन्य काम करना मानसिक तनाव और क्लेश को जन्म देता है। बचाव के लिए छत पर बीम के दोनों साइड में एक-एक लकड़ी की बांसुरी लटका देनी चाहिए।
बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में उपयुक्त दिशा पूर्व या उत्तर होती है। इस दिशा की तरफ मुख करके पढ़ने वाले बच्चों की स्मरणशक्ति और बुद्धि का स्तर बेहतर रहता है। पढ़ने के कमरे की दीवारों में हल्का पीला, हल्का गुलाबी, हल्का हरा या हल्का आसमानी रंग किया जा सकता है।
घर के आगे का भाग टूटा हुआ, प्लास्टर उखड़ा हुआ, दीवारों में दरार हों अथवा दीवारें खराब हों तो उस घर की महिलाओं में मानसिक अशांति, डिप्रेशन, तनाव या दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए घर के भाग हमेशा सही दशा में रखना जरूरी है।
पति-पत्नी के बीच प्रगाढ़ संबंधों को बनाये रखने के लिए सोने के कमरे में बतख का जोड़ा अवश्य रखना चाहिए। जिस स्थान पर बतख का जोड़ा रखा जाए वहां पर्याप्त प्रकाश होना जरूरी है।
घर में चेहरा देखने वाले शीशा के लिए उपयुक्त स्थान पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार है। छत या फर्श में शीशा नहीं लगवाना चाहिए। सोने के कमरे में शीशायुक्त ड्रेसिंग टेबल को इस तरह रखें कि उसमें सोते समय प्रतिबिम्ब न दिखाई दे अन्यथा पति-पत्नी में संबंध तनावपूर्ण बने रहेंगे।
भोजन करते समय मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण की ओर मुख करके भोजन करना स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देता है।
घर में किचन और बाथरूम का आमने-सामने या आसपास होना वास्तु दोष है। इससे नकारात्मक ऊर्जा आती है। बचाव के लिए बाथरूम में कांच के बर्तन में थोड़ा नमक रखकर उसे हर सप्ताह बदलते हुए पुराने नमक को जल में बहा देना चाहिए।
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