इन आसान उपायों से पढाई और करिअर से जुडी बाधाएं होंगी तुरंत दूर
Astrology Articles I Posted on 16-11-2018 ,14:44:31 I by: vijay
वर्तमान में प्रत्येक युवा ऐसे कॅरिअर का चुनाव करना चाहता है, जिसमें
वह अपने जीवन की जरूरतों और महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण कर सके, लेकिन ऐसा
हो, जरूरी नहीं। दरअसल, भाग्य और परिश्रम दोनों का जब संयोग बनता है, तभी
सफलता कदम चूमती है। उत्तम शिक्षा प्राप्त हो और उसी के अनुरूप श्रेष्ठ
कार्यक्षेत्र भी मिले, इसके लिए ज्योतिष शास्त्र मार्गदर्शक एवं सहयोगी हो
सकता है।
जन्मपत्रिका में द्वितीय भाव वाणी एवं ज्ञान के उपयोग
का प्रदाता माना जाता है। इस भाव के श्रेष्ठ होने पर जातक स बन्धित क्षेत्र
में जहां अपनी वाणी से सफलता प्राप्त करता है, वहीं स बन्धित ज्ञान का
उपयोग भी पूर्ण रूप से कर पाता है। इसी प्रकार तृतीय भाव उसकी रुचि एवं
पराक्रम का होता है। इससे जहां जातक की किसी विषय विशेष में रुचि प्रकट
होती है, वहीं यह भाव कार्यक्षेत्र के अनुकूल मानसिक दृढ़ता यानी पराक्रम
का भी द्योतक है। चतुर्थ भाव प्राथमिक शिक्षा और पंचम भाव उच्च शिक्षा का
माना गया है। इन भावों पर शुभ प्रभाव तथा इनके स्वामियों की बली एवं शुभ
स्थिति शिक्षा में सफलता दिलाने वाली होती है। इसके अतिरिक्त बुध एवं गुरु
तथा शिक्षा के विषय के कारक ग्रह का भी बली एवं शुभ स्थिति में होना आवश्यक
है।
यदि उक्त भावों में पापग्रह अथवा त्रिकेश स्थित हों तथा
इनके स्वामी भी त्रिक भावस्थ हों, नीच या शत्रु राशिस्थ हों अथवा अस्त या
वक्री हों, तो शिक्षा में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। यदि शिक्षा प्राप्ति के
दौरान राहु, केतु या त्रिकेश की दशा-अन्तर्दशा विद्यमान हो अथवा गोचर में
गुरु, शनि, राहु आदि ग्रह अशुभ फलप्रद हों, तो भी शिक्षा में बाधाएं आती
हैं।
जन्मपत्रिका में दशम भाव से कर्मक्षेत्र का विचार किया जाता है,
तो शिक्षा के पंचम भाव से द्वितीय अर्थात् छठे भाव को प्रतियोगिता परीक्षा
का कारक माना जाता है। इसी प्रकार नवम भाव भाग्य का है, जिसकी परिणति उससे
द्वितीय यानी दशम भाव में होती है। इसी तरह एकादश भाव आय भाव कॅरिअर से
सीधा जुड़ा है। यदि उक्त भाव पापकर्तरी में हों, उनमें त्रिकेश एवं पापग्रह
उपस्थित हों, साथ ही, इन भावों के स्वामी भी निर्बल और अशुभ स्थिति में
हों तथा कॅरिअर निर्माण के समय दशा-अन्तर्दशा एवं गोचर अशुभ फलप्रद हों, तो
कॅरिअर निर्माण में बाधाएं आती हैं। जातक को अपेक्षित प्रयास करने के
बावजूद मनोनुकूल कॅरिअर की प्राप्ति नहीं हो पाती है।
शिक्षा एवं कॅरिअर में बाधाओं को दूर करने के उपायनिम्नलिखित मन्त्रों के जप एवं उपायों को करने से शिक्षा एवं कॅरिअर में आ रही बाधाएं दूर होती हैं :
1. मन्त्र : ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
जप संख्या : प्रतिदिन एक माला।
फल : शिक्षा एवं कॅरिअर में आ रही बाधाओं का निवारण एवं मनोकामना पूर्ति।
2. मन्त्र : ओम वद् वद् वाग्वादिन्यै स्वाहा।।
जप संख्या : प्रतिदिन एक माला।
फल : विद्या एवं विद्वत्ता की प्राप्ति।
3. मन्त्र : सर्वस्य बुद्धिरूपेण जनस्य हृदि संस्थिते। स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।
जप संख्या : प्रतिदिन एक माला।
फल : अवांछित प्रवृत्तियों से छुटकारा एवं श्रेष्ठ प्रवृत्तियों की प्राप्ति।
4.
मन्त्र : ओं नमो भगवती पद्मावत्यै ओं ह्रीं श्रीं पूर्वाय दक्षिणाय
पश्चिमाय उत्तराय अन्नपूर्णास्ति सर्वं मम वश्यं करोति स्वाहा।। (जैन
पद्मावती देवी मन्त्र)
जप संख्या : प्रतिदिन एक माला।
फल : बुद्धि और रोजगार की प्राप्ति।
5. मन्त्र : ओम बृं बृहस्पतये नम:।
जप संख्या : प्रतिदिन एक माला।
फल : ज्ञान एवं कार्यक्षेत्र में पूर्ण सफलता की प्राप्ति।
6. इसी प्रकार बाधाकारक ग्रह के मन्त्रों के जप से बाधा दूर होती है और अनुकूलता आती है।
7. प्रतिदिन गणपति अथर्वशीर्ष एवं सरस्वती चालीसा पाठ उत्तम शिक्षा प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ हैं।
8. विद्यार्थी पुष्य नक्षत्र के दिन घर के बुजुर्ग से जिह्वा पर सोने अथवा
चांदी की शलाका से पंचामृत अथवा शहद से ऐं बीजमन्त्र लिखवाएँ।
9. कॅरिअर में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए मंगलवार से आर भ कर प्रतिदिन हनुमान चालीसा एवं बजरंगबाण का पाठ करें।
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