जनेऊ धारण करने से होता है ऐसा, जानिए इसके लाभ

हिन्दू धर्म के अनुसार जनेऊ एक पवित्र सफेद रंग का तीन धागों वाला सूत्र है, जिसे ‘उपनयन संस्कार’ के समय धारण किया जाता है और संस्कृत में इसे ‘यज्ञोपवीत संस्कार’ कहा जाता है। इस सूत से बने पवित्र धागे को बाएं कंधे के ऊपर से लेकर दाएं कंधे की भुजा तक पहना जाता है। धर्म के अनुसार अविवाहित व्यक्ति को एक धागे वाला सूत्र, विवाहित को दो धागे वाला और विवाहित व्यक्ति जिसकी संतान हो उसे तीन धागे वाला सूत्र धारण करना चाहिए।


भारतीय समाज में जनेऊ धारण करने की परंपरा काफी वर्षों से चलती आ रही है। ब्राह्मण के साथ साथ समाज का कोई भी वर्ग जनेऊ धारण कर सकता है परन्तु तभी जब वे लोग नियमों का पालन करने के लिए त्यार हों।

भारतीय समाज में ऐसा माना जाता है कि जब तक बच्चा तेहरा वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद जनेऊ धारण नहीं करता तब तक वह किसी यज्ञ में आहुति डालने में असमर्थ होता हैं और जनेऊ परम्परा घर में पंडित को बुलाकर, यज्ञ करने पर होती है।
जनेऊ धारण करने के क्या लाभ होते है, आइए जानते है।

जनेऊ धार्मिक नजरिये के साथ साथ वैज्ञानिक रूप से भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है।
भारतीय समाज में जो लोग जनेऊ धारण करते है, उन्हें इससे जुड़े हर नियम का पालन करना पड़ता है।

मल विसर्जन के पश्चात् जब तक व्यक्ति हाथ पैर न धो ले तब तक वह जनेऊ उतार नहीं सकता, अच्छी तरह से अपने आप की सफाई करके ही वह जनेऊ को कान से उतार सकता है। ये सफाई उसे दन्त, पेट, मुंह, जीवाणुओं के रोगों से मुक्ति दिलाता है।

जिन पुरुषों को बार-बार बुरे स्वप्न आते हैं उन्हें सोते समय कान पर जनेऊ लपेट कर सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे बुरे स्वप्न की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।

जनेऊ धारण करने वाला व्यक्ति गलत कामों पर ध्यान नहीं देता क्योंकि इसे पहनने से यह हमारे दिमाग को सचेत करता रहता है कि क्या सही है और क्या गलत।

मेडिकल साइंस रिसर्च ने बताया कि जनेऊ धारण करने वाले मनुष्य को हृदय रोग तथा ब्लडप्रेशर की अशंका अन्य लोगों के मुकाबले कम होती है।

जब जनेऊ को कान पर बांधा जाता है तब कानों की नसों पर दबाव पड़ता है और जब नसें दबती है तब पेट से कब्ज और आंतो से संबंधित रोग नहीं होते है।

कान पर जनेऊ रखने और कसने से दिमाग की नसें एक्टिव होती है जिसका सीधा संबंध स्मरण शक्ति से होता है और उसमे बढ़ोतरी होती जाती है।

ऐसा माना जाता है कि यज्ञोपवीत में भगवान का वास होता है जो कि हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है और आध्यात्मिक ऊर्जा भी बढ़ाता है।

जनेऊ धारण करने वाले मनुष्य के आस पास बुरी आत्माओं का वास होना असंभव है।
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