इस देव की उपासना से होंगे रोजगार के दोष दूर, नहीं आएगी कोई प्रेतबाधा
Astrology Articles I Posted on 20-01-2018 ,11:02:33 I by: vijay
यूं तो सभी 36 करोड देवी-देवता को स्मरण करना संभव नहीं है लेकिन उनमें से
कुछ खास देवों का स्म रण और आराधना करने से न केवल रोजगार संबंधी सभी
परेशानियां दूर होती हैं, बल्कि आरे-तारे-उतारों से जुडी सभी समस्यानएं दूर
होती जाती हैं। कहते हैं कि श्री हनुमानजी की विधि-विधान और श्रद्धा भाव
से उपासना सर्व कल्याणकारी है। मनोवांछित फल प्राप्त करने और दुःख, कष्ट,
बाधा एवं भूत-प्रेत के प्रकोप से बचने के लिए श्री हनुमानजी की आराधना
करनी चाहिए।
भगवान हनुमानजी की पूजा के लिए लाल चन्दन,
सिन्दूर, शुद्ध घी, चमेली का तेल, धूप, लाल पुष्प, जनेऊ, प्रसाद में बूंदी
आदि का प्रयोग करना चाहिए। सिन्दूर और घी या चमेली का तेल मिलाकर हनुमान
जी का श्रृंगार करना चोला चढ़ाना कहा जाता है, ऐसा करने से श्री हनुमानजी
की कृपा प्राप्त होती है। श्रृंगार के बाद श्री हनुमानजी की आरती और
पञ्चमुखी दीपदान का विधान है। दीपदान में लाल रंग के सूत से बनी बत्ती और
शुद्ध घी का प्रयोग किया जाता है।
श्री हनुमानजी के साथ-साथ
भगवान् शिव के मंदिर में भी दीपदान अवश्य करना चाहिए। श्री हनुमानजी का
ध्यान करते समय प्रभु श्री राम, जनक नंदनी सीता जी, अंगद, जामवंत, नल, नील,
बाली आदि का भी ध्यान करने से जीवन में शुभ फल मिलने लगते हैं।
पुराणों के अनुसार श्री हनुमानजी ने समस्त ग्रहों के राजा सूर्य देवता से
धर्म, अध्यात्म, ज्योतिष और अन्य गूढ़ विद्याएं ग्रहण की थी।
श्री हनुमानजी को
समस्त देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। रामभक्त, महातेजा, कपिराज, महाबल,
द्रोणादिहारक, मेरुपीठार्चनकारक, दक्षिणशाभास्कर, सर्वविघ्नविनाशक- ये आठ
नाम श्री हनुमानजी के हैं। इन नामों का साथ नमः लगाकर जप करने से शत्रु भय
नहीं रहता और श्री हनुमानजी के समान तेज भी मिलने लगता है।
यह मंत्र है चमत्कारी
तप्तचामीकरनिभं भीघ्नम संविहितान्जलिम।
चलतकुंडलदीप्तास्यम पद्माक्षं मरुतिम स्मरेत।।मन्त्र
का एक सौ बार जप करने से सामान्य रोगों से छुटकारा मिल जाता है। किसी
कार्य विशेष के लिए यात्रा करते समय इस मन्त्र के जप से कार्य सिद्ध होने
की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं। घर में रहकर इस मन्त्र के जप करते रहने से
आरोग्य और धन सम्पदा सुख प्राप्त होते हैं। सम्पूर्ण कामनाओं की पूर्ति के
लिए हं पवननन्दनाय स्वाहा" मन्त्र का जप करना चाहिए।
भूत-प्रेत बाधा से बचने के लिए ॐ श्रीं महाअन्जनाय
पवनपुत्रावेशयावेशय ॐ श्री हनुमते फट मन्त्र का जप करना शुभ रहता है। दैनिक
जीवन में प्रतिदिन या प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को श्री हनुमान चालीसा
और श्री रामचरित मानस का पाठ करने से समस्याओं और कष्टों से छुटकारा मिलने
लगता है तथा सुख, सौभाग्य, साहस, संतान, विद्या, सम्मान, विजय लाभ प्राप्त
होने लगते हैं।
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