ऐसे अशुभ संकेतों का इलाज केवल वास्तु शास्त्र के पास ही है
Astrology Articles I Posted on 03-05-2017 ,17:23:27 I by: Amrit Varsha
आपके जीवन में कई उठापटक आती रहती है लेकिन कुछ खास संकेत मिल रहे हों तो आपका इसके इलाज के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं केवल वास्तु के अनुसार कुछ काम कर लें आपकी सभी समस्याएं सुलझ जाएंगी।
पूर्वी दिशा का स्थल ऊंचा हो, गृहस्वामी दरिद्र बन जायेगा संतान अस्वस्थ्य तथा मंदबुद्धि वाली होगी |
खाली जगह रखे बिना सरहद को जोड़कर निर्माण कार्य करने पर या तो पुरुष संतान की कमी होती है अथवा संतान होने पर विकलांग होगी|
पूर्वी दिशा में निर्माण मुख द्वार या अन्य द्वार आग्नायाभिमुखी हो तो दरिद्रता, अदालती विवाद, चोरी व अग्नि का भय बना रहेगा|
पूर्व में गृह गर्भ की अपेक्षा चबूतरे ऊंचे हो तो अशांति, आर्थिक व्यय होगा और ऐसे गृह का स्वामी कर्ज़दार बनेगा|
पूर्वी दिशा में सड़क से सटकर निर्मित गृह के पश्चिम में खाली निम्न स्थल हो तो उनके कारण धन और संतान की हानि होगी|
पूर्व भाग में कूड़ा कचरा, पत्रों के टीले, मिटटी के टीले इत्यादि हो तो उनके कारण धन और संतान की हानि होगी|
पूर्वी दिशा में खाली स्थल न हो और एक स्थर ऊंचा बनाकर पश्चिमी दिशा की ओर बरामदे को ढलाऊ बनाने पर, आंख की बीमारी, लकवा, आदि बीमारियो के शिकार होंगे|
गृह के किराये पर देने वाले गृहस्वामियों को उच्च स्थल वाले हिस्से में रहकर निम्न स्थल वाले हिस्से को ही देना चाहिए यदि किरायेदार उस हिस्से को खाली कर दे तो तत्काल दूसरे किरायेदार को उस हिस्से में रखना होगा यदि किरायेदार न आए तो गृहस्वामी को ही उस हिस्से को अपने हिस्से में मिलकर उपयोग करना होगा वरना गृहस्वामी के निवास का स्थल जो उत्तरी दिशा में होगा भार वाहक बनकर अनेक जटिल समस्याए उत्पन्न करेगा |
पूर्व मुखी ग्रहों के लिए चारदीवारी ऊंची नहीं होनी चाहिए| गृह का मुख द्वार सड़क पर से दिखना चाहिए वर्ना दुश्त्परिनाम होंगे|
पूर्व दिशा में निर्मित चारदीवारी पश्चिमी दिशा की चारदीवारी की अपेक्षा ऊंची हो तो संतान की हानि होगी |
घर में वास्तु विकृति हो तो उस घर के निवासी एव किरायेदारों को उस विकृति का फल भोगना पड़ेगा |
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