हाथों की लकीरों में यह रेखा बताएगी किस क्षेत्र में बनेगा आपका करियर
Astrology Articles I Posted on 16-08-2017 ,10:08:37 I by: Amrit Varsha
कहते हैं भविष्य की सभी बातें जातक के हाथों में समाई होती है जरूरत केवल उसको जानकर उसके अनुसार कर्म और प्रयास करने की है। समय और परिस्थितिओं के अनुसार किसी भी व्यक्ति का भाग्य परिवर्तनशील होता है। व्यवसाय और कारोबार करने वालों के लिए समय एवम भाग्य महत्वपूर्ण माना जाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में व्यवसाय की स्थिति कैसी रहेगी, यह जानने के लिए जन्म कुंडली के अलावा हस्त रेखाओं का अध्ययन भी किया जाता है।
यदि हाथ में भाग्य रेखा सामान्य से अधिक मोटी होकर मस्तिष्क रेखा पर रुक जाये, जीवन रेखा सीधी हो, ह्रदय रेखा में द्वीप का चिन्ह हो और हाथ में एक से अधिक राहु रेखाएँ हों तो जातक के व्यवसाय में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। इसके साथ-साथ यदि हाथ में विभिन्न ग्रह भी कमज़ोर या दोषपूर्ण हों तो जातक के व्यवसाय में घाटा होता है।
भाग्य रेखा के ऊपर काला तिल,धब्बा एवं द्वीप के अलावा जीवन रेखा पर स्पष्ट जाल व अंगुलिओं में टेढ़ापन नज़र आता हो तो व्यवसाय में धन और समय खर्च होने की तुलना में लाभ का प्रतिशत कम ही होता है। यदि जातक भागीदारी के रूप में कोई व्यवसाय कर रहा हो तो उसे आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ता है।
यदि भाग्य रेखा मोटी होने के साथ-साथ टूट कर आगे बढ़ रही हो, शनि, मंगल एवं बुध ग्रह कमज़ोर अथवा खराब हों, शनि क्षेत्र पर सीढ़ीनुमा रचना बनी हो या शनि पर्वत अत्यधिक कटा-फटा और जालयुक्त हो तो भी जातक को अपेक्षा के अनुरूप व्यवसाय में लाभ नहीं मिल पाता है। जातक का मन अस्थिर होने से वह बदल-बदल कर व्यवसाय की योजना बनाता रहता है।
व्यवसाय की स्थिति उस समय और भी खराब हो जाती है जब ह्रदय रेखा टूट कर मस्तिष्क रेखा में मिल जाये, भाग्य रेखा पतली और दोष पूर्ण हो, हाथ के मध्य में भाग्य रेखा, जीवन रेखा या ह्रदय रेखा पर काला तिल हो। ऐसी स्थिति में व्यवसाय में आर्थिक क्षति, मानसिक कष्ट और व्यवसाय में अनावश्यक रुकावटों का सामना करना पड़ता है।
जिन हाथों में भाग्य रेखा, जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा के साथ-साथ शनि, बुध एवं मंगल पर्वत निर्दोष हों तो वे जातक व्यवसाय में लाभ और उन्नति कर पाते हैं।
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