इस दिशा में घडी लगाने से बुरे दिन भी अच्छे दिनों में बदल जाएंगे
Astrology Articles I Posted on 11-10-2017 ,22:13:36 I by: Amrit Varsha
दीवार पर टंगी घंड़ियां भी आपके घर में सुख-समृद्धि का कारण बन सकती है| वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार घड़ी की सूइयां एवं पेंडुलम से सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। ज्योतिष और वास्तु की बात करें, तो ये अद्वितीय शास्त्र हमें ये ज्ञान देते हैं कि चाहे कैसी भी विपरीत परिस्थितियां क्यूं ना हों, ज्योतिष और वास्तु की सहायता से इन दोषों को कम किया जा सकता है और अपने विपरीत परिस्थितयों को अपने अनुकूल बनाया जा सकता है।
घडी लगते समय क्या रखें सावधानियां स्टडी रूम में पूर्व या वायव्य कोण में घड़ी लगाना सर्वोत्तम रहेगा। इससे जहां वहां कार्यरत अध्ययनकर्ता की एकाग्रता बनी रहेगी, वहीं उनका समय भी फालतू कार्यों और दिमागी उलझनों में बर्बाद नहीं होगा।
ड्राइंग रूम में पूर्व या वायव्य कोण में दीवार घड़ी लगाने से घर के सदस्यों की शारीरिक और मानसिक ऊर्जा गतिमान रहेगी। उनके जीवन में नवीनता और गतिशीलता आएगी। पूर्व दिशा में लगाई गई दीवार घड़ी उनको सदैव समय पर जागृत रखेगा और किसी भी आकस्मिक घटना-दुर्घटना के प्रति वे समय रहते सचेत हो जाएंगे।
यदि ड्राइंग रूम के उत्तर की ओर दीवार घड़ी लगाते हैं, तो आर्थिक कार्य समय पर बनते रहेंगे। घर में धन की आवक समय पर होगी, लेकिन उत्तर की ओर पितर और देवताओं का वास होता है। अत: किसी देवी-देवता की चित्र या फोटो प्रतीक लगी हुई दीवार घड़ी लगाई जाए, तो ड्राइंग की साज-सज्जा में चार चांद लग जाएंगे।
वायव्य कोण बदलाव का प्रतीक है। हवा यानी वायु हर समय इस दिशा को साफ करती है। इस दिशा में अगर घड़ी लगाना हो, तो सादा और गोलाकार या अंडाकार नमूने की ही घड़ी लगानी चाहिए, ताकि समय की गति और बदलाव के अच्छे और सुखद क्षण बार-बार आते रहें। जिस प्रकार हवा गोल दायरे में चक्कर काटती है, वैसे ही मानव जीवन भी एक आवृति लिए रहता है। उसमें दुख-सुख अपना चक्कर पूरा करते रहते हैं।
यह भी ध्यान रहे कि जहां भी घड़ी लगाई जा रही है, वहां या उसके आसपास शेर, भालू, सियार गिद्द, सुअर, घडि़याल, बाघ, चीता या सांप आदि परभक्षी व खतरनाक प्राणियों के चित्र नहीं लगाने चाहिए। इससे जहां समय की धारा विरुद्ध हो जाती है, वहीं अन्य प्रकार के वास्तु-दोष घर के सदस्यों की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं।
बेडरूम में सदैव उत्तर या उत्तरपूर्व दिशा में ही घड़ी लगानी चाहिए। वैसे, यहां अधिक खटपट करने वाली क्लॉक नहीं लगानी चाहिए और न ही अलार्म रहित घड़ी। हां, प्रत्येक घंटे चेतावनी देने वाली टबिल क्लॉक बेड रूम में लगाना अच्छा नहीं रहेगा। इससे नींद में खलल पड़ेगा।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी घर के मुख्य द्वार या दरवाजे के ऊपर घड़ी लगाना भी शुभ नहीं माना गया है. घर के मुख्य द्वार पर घडी लगाने से घर में तनाव बढ़ता है |
घर में बहुत पुरानी या बार-बार खराब होने वाली और धुंधले शीशे वाली घड़ियां भी नहीं लगनी चाहिए ये की सफलता में बाधक है |
आजकल बाजार में जो घड़िया आयी है वह अधिकतर बैट्री से चलती हैं. इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से जो इलेक्ट्रो-मैग्नेनिटक तरंग निकलती है ये हमारे मस्तिष्क एवं हृदय पर बुरा प्रभाव डालती है वास्तुशास्त्र के अनुसार और वैज्ञानिक दृष्टि से ऐसी घड़ियों को तकिये के नीचे नहीं रखना चाहिए |
ऑफिस या कार्यस्थल पर लगाई जाने वाली घडी का साइज कुछ बड़ा होना चाहिए ये गाड़ी दिखने में साफ़ सुथरी होनी चाहिए। बहुत पुरानी और रुक-रुक कर चलने वाली घड़ी कार्यालय में नेगेटिव ऊर्जा लाती है |
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