26 को शनिदेव आएंगे वृश्चिक से धनु राशि में,
कुछ राशियों के लिए मंगल कुछ के लिए भारी
Astrology Articles I Posted on 22-01-2017 ,11:46:16 I by:
26 जनवरी, 2017 को गोचर भ्रमणवश शनिदेव वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। परन्तु इस वर्ष शनिदेव वक्रगति से भ्रमण करते हुए 20 जून से 26 अक्टूबर, 2017 तक पुनः वृश्चिक राषि में गतिशील रहेंगे। इसके बाद मार्गी होकर पुनः धनु राशि में प्रवेश करेंगे। राशि परिवर्तन के कारण शनि की ढैया तथा साढ़ेसाती से व्यक्ति कुछ राशि प्रभावित हो सकती हैं।
मेष- इस राशि पर शनि का रजत के पाया से नवम भाग्य स्थान में होगा। अतः व्यापार से भाग्योन्नति, भूमि वाहनादि सुख व धर्म कर्म में वृद्धि होगी।
वृष-इस राषि पर लौह पाया से शनि की ढैया प्रारम्भ होगी। व्यवसायिक उलझनें बढ़ेंगी। खर्च अधिक होगा। मानसिक तनाव, पारिवारिक क्लेश जैसी समस्यायों का सामना करना पड़ेगा। कठोर परिश्रम से कुछ लाभ की संभावना बनेगी। सुविवेक से कार्य करना उचित रहेगा।
मिथुन- शनि का प्रवेष ताम्र पाया से होने के कारण आय के कुछ साधन बनते रहेंगे। मांगलिक कार्य संपादित होंगे एवं शुभ कार्यों पर खर्च होने के योग बनेंगे। शनिदेव की सप्तम पूर्णदृष्टि इस राशि पर रहेगी। कारोबार में बाधा, आय कम तथा खर्च अधिक होंगे।
कर्क- शनि का प्रवेश स्वर्ण पाए से होगा। थोडी परेशानी हो सकती है लेकिन समय लाभ का रहेगा। अटके काम पूरे होंगे। हालांकि शनि छठे स्थान पर होने से शत्रु हावी होने की कोशिश करेंगे, लेकिन जीत आपकी ही होगी। पुराना पैसा आने की भी संभावना। किसी पर जल्दी से विश्वास ना करें।
सिंह- रजत पाया से पंचमस्थ शनि के कारण उच्च विद्या प्राप्ति, पदोन्नति, धन लाभ, उत्साह में वृद्धि तथा विवाह आदि सुखों की प्राप्ति होगी।
कन्या- लौह पाद से शनि की ढैया प्रारम्भ होगी। धन का अपव्यय, मानसिक तनाव, माता को कष्ट, गृहक्लेश तथा व्यवसाय में उलझनें बढ़ने के संकेत हैं। परेशानियों के साथ आय के साधन बनते रहेंगे।
तुला-ताम्र पाद से तृतीयस्थ शनि शुभ रहेगा। भूमि, मकान, वाहनादि, सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी।
वृश्चिक- चांदी के पाया से शनि की साढ़ेसाती गतिशील रहेगी। पाया रजत होने से धन लाभ, विदेश गमन तथा भूमि-वाहनादि सुखों की भी प्राप्ति होगी।
धनु- इस राशि पर सोने के पाया से शनि की साढ़ेसाती यथावत जारी रहेगी। फलस्वरुप शरीर कष्ट, तनाव एवं संघर्ष अधिक रहेगा। आय कम खर्च बढ़ेगा। नेत्र, छाती, पैर में पीड़ा की षिकायत रहेगी। स्वजनों, मित्रों से विवाद, बुद्धि मालिन्य और षासन से भय की संभावना रहेगी।
मकर- इस राशि से शनि के बारहवें स्थान पर आने से साढ़ेसाती प्रारम्भ होगी। पारिवारिक एवं व्यवसायिक उलझनें बढ़ेंगी। शनि पाया भी लौह होने के कारणकर्य व्यापार में विघ्न एवं विलम्ब पैदा होंगे। खर्च अधिक, व्यापार में लाभ कम, निकटस्थ भाई-बन्धुओं से मतान्तर हो सकता है।
कुंभ- इस राशि पर शनि स्वर्ण पाया से लाभ स्थान में आएगा। परिश्रम के बाद धन लाभ एवं उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि, सुख, क्रय-विक्रय में संतुष्टि। उत्साह तथा धैर्य में कमी के चलते बनते काम बिगड़ेंगे। नई योजनाएं बनेंगी, सावधानी बरतें।
मीन- इस राशि पर दशमस्थ शनि का प्रवेश ताम्र पाया से होगा। बिगड़े कामों में सुधार होगा। आकस्मिक लाभ भी होंगे। राज्य सत्ता से लाभ, वाहन व धन लाभ, दाम्पत्य सुख, पदोन्नति के योग बनेंगे।
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