जानिए क्या होता है गृह का मतलब

नव गृह, आज तक सिर्फ लोगों ने इन ग्रहों के नाम सुने है और इनसे जुडी ज्योतिष विद्या के बारे में जाना है। लेकिन कभी सोचा है कि इन ग्रहों का क्या मतलब है, ये गृह लोगों की जिंदगी में क्या काम करते है। नव गृह को भगवानों का इंस्ट्रूमेंट माना जाता है, जिनके द्वारा सभी व्यक्तियों के कर्मों का लेख जोखा किया जाता है।


पौराणिक ग्रन्थ (बृहत पराशर होरा शास्त्र) में लिखे वर्णन को माना जाए तो, इन 9 ग्रहों को भगवान विष्णु ने स्वयं बनाया था, जिससे यहाँ लोग रह सके और उनके कर्मों को तराशा जाए और परिणाम दिया जाए। उन्होंने सोचा कि ये नव गृह को बनाने से राक्षसों का नाश किया जा सकता है और देव गण की ताकत को बढ़ाया जा सकता है। इसलिए भगवान विष्णु जी ने बुरी शक्तियों का नाश करने के लिए अलग धर्म का निर्माण किया। अंतरिक्ष में ग्रहों और ग्रेविटेशनल फ़ोर्स के अलावा बाकी की खाली जगहों में स्पिरिचुअल एनर्जी का वास है और इसीलिए उनका असर हमारी राशियों पर दिखाई देता है, इस बात को खुद साइंस ने स्वीकारा है। ध्यान दें, हर प्रत्येक व्यक्ति अलग अलग ग्रहों की ताकतों से बना है जिससे उसकी विशेषताएं पता लगायी जा सकती है, उसकी पसंद या न पसंद का पता लगाया जा सकता है।

हैरानी की बात है कि वैदिक ज्योतिष विद्या में बाहरी गृह जैसे यूरेनस, नेप्च्यून और प्लूटो को नहीं गिना जाता,कहीं न कहीं इन ग्रहों के बारे में ऐतिहासिक सबूत है कि पुराने ऋषि इन ग्रहों के बारे में जानते थे। महाभारत में इन तीनों ग्रहों का वर्णन किया गया है।

सूर्य गृह
आपको बता दें सूर्य के बिना धरती पर जीवन का वास होना नामुमकिन था, इसलिए सूर्य सभी ग्रहों में मध्य में रहता है ,सूर्य लाइफ फ़ोर्स और एनर्जी को दर्शाता है, इतना ही नहीं सूर्य हमारी आत्मा को भी दर्शाता है। आज लोगों के ज्योतिष विद्या पर भरोसा न करने पर सूर्य उनका ईगो जाहिर करता है। सूर्य डर, परेशानी देता है, सूर्य प्रत्येक व्यक्ति के लीडरशिप पर्सनालिटी के बारे में बताता है, ताकतवर सूर्य एक पिता के अच्छे रिलेशनशिप को दर्शाता है। स्ट्रांग सूर्य एक परिपक्व, स्ट्रांग पर्सनालिटी को दर्शाता है, सूर्य उन लोगों के बारे में बताता है, जो हमेशा लोगों का ध्यान बटोरने में लगे रहते है, जिन्हे सिर्फ अपने से मतलब होता है। सूर्य हमारे अंग दिल, खून का प्रवाह, आंखें, सर, सर दर्द होना, बालों का बढ़ना, गंजापन, अपच, रूखापन, बुखार जैसे चीज़ो पर शासन करता है।

चन्द्र
चनद्रमा को वैदिक एस्ट्रोलॉजी के हिसाब से अंतरिक्ष का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है, इसे कर्म का सूचक माना जाता है, चन्द्रमा दिमाग, इमोशन को दर्शाता है, चन्द्र एक माँ को भी दर्शाता है। चन्द्रमा जीवन व्यापन करने के लिए खाने को भी दर्शाता है, इसलिए कहा जाता है खाने का अनादर नहीं करना चाहिए। यही अगर किसी का चनद्रमा स्ट्रांग होता है तो व्यक्ति हर परेशानी से बाहर आ जाता है।
चन्द्रमा सीधा व्यक्ति की मानसिकता और उनके जीवन पर असर डालता है ,जिनकी राशि में पूरा चाँद होता है वही लोग अक्सर पागलपन के शिकार हो जाते है, जिन बच्चों का जन्म घटते हुए चन्द्रमा के समय होता है वे बहुत आगे की सोच रखते है। जब चन्द्रमा पूरा होने से थोड़ा कम यानी पूरा होता है तो बच्चे अंतर्मुखी नेचर के पाए जाते है जो अलग ही अपनी दुनिया में खोए रहते है।स्ट्रांग मून व्यक्ति के मानसिक स्थिरता, ध्यान और इमोशन की तरफ रिफ्लेक्ट करता है।आप चाहे तो कमजोर चन्द्रमा को आप ध्यान और आध्यात्मिक चीज़ों से भी ठीक कर सकते है।

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