आज हो सकती है मां लक्ष्मी की मेहरबानी, करें ये खास जतन
Astrology Articles I Posted on 13-10-2016 ,07:26:44 I by: Amrit Varsha
आगामी 15 अक्टूबर को देशभर में शरद पूर्णिमा पूरे धूमधाम से मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा की रात में की गई पूजा और आराधना से साल भर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा को आती हैं। मान्यता है कि सालभर में सिर्फ इसी दिन चांद 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। शरद पूर्णिमा को कौमुदी व्रत, कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। शरद पूर्णिमा की रात में की गई पूजन और आराधना से साल भर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है। इसके अलावा मनोबल में वृद्धि, स्मरण शक्ति व खूबसूरती में वृद्धि होती है। मां लक्ष्मी इस दिन विशेष प्रसन्न होती है। इस दिन उनसे मनचाहा वरदान पाना आसान होता है। अत: शरद पूनम पर मां लक्ष्मी की आराधना अवश्य करें।
किरणों से बरसता है अमृत
कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात को चांद की किरणों से अमृत बरसता है। इसी वजह से इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रातभर चांदनी में रखने का रिवाज है। मान्यता है कि च्यवन ऋषि को आरोग्य का पाठ और औषधि का ज्ञान अश्विनी कुमारों ने ही दिया था। यही ज्ञान आज हजारों साल बाद भी परंपरा के रूप में संचित है। अश्विनी कुमार आरोग्य के दाता हैं और पूर्ण चंद्रमा अमृत का स्रोत। इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि इस पूर्णिमा को आसमान से अमृत की वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा की रात को घरों की छतों पर खीर रखने का प्रचलन भी है। कहा जाता है कि ऐसा करने से चंद्रमा की अमृत की बूंदें भोजन में आ जाती हैं, जिसका सेवन करने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती हैं।
लक्ष्मी-कुबेर और शिव की करें खास पूजा-अर्चना
शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को मनाने का मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
शरद पूर्णिमा की रात कुबेर को मनाने का मंत्र ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।
शरद पूर्णिमा की रात इस मंत्र से पाएं सौभाग्य का आशीर्वाद
"पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे।"
शरद पूर्णिमा पर भगवान शिव की इस मंत्र से पूजा करें शिवलिंग का जल स्नान कराने के बाद पंचोपचार पूजा यानी सफेद चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, आंकडे के फूल व मिठाई का भोग लगाकर इस आसान शिव मंत्र का ध्यान कर जीवन में शुभ-लाभ की कामना करें -
यह शिव मंत्र मृत्युभय, दरिद्रता व हानि से रक्षा करने वाला भी माना गया है-
पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।
अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।
डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।।