निर्जला एकादशी: इस
दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी...
Astrology Articles I Posted on 02-06-2020 ,11:23:38 I by: vijay
निर्जला एकादशी का भारत में बड़ा महत्व है। क्योंकि 24
एकादशियों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे भीम एकादशी के नाम
से भी जाना जाता है। यह एकादशी गंगा दशहरा के बाद होने वाली एकादशी को ही
निर्जला एकादशी कहते हैं। भारतीय कैलेंडर के अनुसार
हर साल ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी या भीम
एकादशी का उपवास किया जाता है। यह उपवास बिना पानी के रखा जाता है इसलिए
इसे निर्जला एकादशी कहते हैं।
इस
दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त
हो जाता है। इसके अलावा इससे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, चारों पुरुषार्थों
की प्राप्ति भी होती है। इस दिन अच्छे स्वास्थ्य तथा सुखद जीवन की मनोकामना
पूरी की जा सकती है।
इस प्रकार करें पूजा...निर्जला
एकादशी के दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। सुबह व्रत की शुरुआत
स्नान करके किया जाता है। अगर नदी में स्नान ना कर पाएं तो घर पर ही नहाने
के बाद ऊँ नमो वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। भगवान विष्णु की पूजा करते
समय उन्हें लाल फूलों की माला चढ़ाएं, धूप, दीप, नैवेद्य, फल अर्पित करके
उनकी आरती भी करें। 24 घंटे बिना अन्न-जल व्रत रखें और अगले दिन विष्णु जी
की पूजा कर व्रत खोलें।
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