इन 3 चीजों को महादेव पर कभी नहीं चढाएं

यूं तो देवों के देव महादेव बेहद ही सरल पूजा से प्रसन्न होने वाले देवता हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार यदि तीन चीजें महादेव पर नियमित रूप से चढाई जाए तो वे कुपित भी हो सकते हैं।


महादेव का पूजन काफी सरल होता है। भगवान को इसलिए ही भोलेनाथ कहा जाता है। भगवान शिवजी अपने श्रद्धालुओं और भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिवजी को साधुओं द्वारा भी माना जाता है और गृहस्थों द्वारा भी। शिव अपनी आदि शक्ति के साथ पूर्णता में रहते हैं। साथ ही श्रद्धालुओं को सरल स्वरूप में दर्शन देते हैं। लेकिन शास्त्रो में माना गया है कि विशेष झांकी के अलावा कुमकुम, हल्दी और तुलसी चढाने से महादेव नाराज हो सकते हैं।

महाभारत काल में उल्लेख मिलता है कि पांडवों के सामने भगवान शिवजी वृषभ स्वरूप में प्रकट हुए थे। जब वे पांडवों से प्रसन्न हुए तो उन्हें आशीर्वाद देकर धरती में मिट्टी और पाषाण के तौर पर विलीन होकर अपने धाम चले गए। ऐसे हैं भगवान शिवजी जिनका इस सृष्टि के हर लोक में हर कण – कण में निवास है।

भगवान शिवजी की आराधना यूं तो कई तरह से की जाती है। मगर कुछ तत्व हैं जो भगवान शिवजी को चढ़ाए नहीं जाते हैं। कुछ विशेष परिस्थितियों में जरूर भगवान शिवजी को ये तत्व चढ़ते हैं। ऐसी परिस्थितियां और ऐसे स्वरूप अपवाद हैं। यह जानकर आपको भी आश्चर्य होगा। आईए ऐसे कौन से तत्व हैं। जो भगवान को नहीं चढ़ते हैं। दरअसल कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक है। इसे विवाहित महिलाऐं अपनी मांग में सजाती हैं तो यह देवी – देवताओं पर चढ़ाया जाता है लेकिन श्री महादेव और उनके शिवलिंग पर कुमकुम समर्पित नहीं किया जाता।

दरअसल भगवान शिव स्वयं में ही एक बड़े साधक हैं और वे ध्यान में रहते हैं दूसरी ओर उन्हें विनाशक माना जाता है ऐसे में उन्हें यह नहीं चढ़ाया जाता लेकिन मध्यप्रदेश के उज्जैन में शिव मंगलनाथ स्वरूप में विराजते हैं। यहां मंगलदेव का पूजन होता है और उनका कुमकुम से अभिषेक होता है। भगवान शिव का जिन तत्वों से अभिषेक किया जाता है उन्हें ग्रहण नहीं किया जाता है।

भगवान शिव पर हल्दी चढ़ाने का भी विधान नहीं है दरअसल हल्दी स्त्रियों की सुंदरता को निखारने में प्रयोग में लाई जाती है। जिसके कारण इसे भगवान शिवजी पर नहीं चढ़ाया जाता लेकिन कहीं – कहीं भगवान शिवजी का शिवलिंग पूजन देव गुरू बृहस्पति के तौर पर किया जाता है। ऐसे में देवगुरू बृहस्पति स्वरूप में उन्हें की गांठ समर्पित की जाती है। इसी तरह महादेव पर तुलसी चढाने का भी प्रावधान नहीं है।
वार्षिक राशिफल-2017: मेष: थोडे संघर्ष के साथ 2017 रहेगा जीवन का बेहतरीन वर्ष
ज्योतिष : इन कारणों से शुरू होता है बुरा समय
केवल 3 सिक्के चमका सकते हैं किस्मत

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2024 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team