मिलिये अनूठी रामभक्त महिला से, अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए त्यागा था अन्न

विवादित ढांचा ढहने के बाद से अन्न त्याग दिया था। साथ ही संकल्प लिया था कि जब तक अयोध्या में राममंदिर नहीं बनेगा, तब तक वह अन्न ग्रहण नहीं करेगी। इसके अलावा राममंदिर को लेकर हुई हिंसा से भी उर्मिला चतुर्वेदी का मन काफी दुखी रहा।


इन दिनों जयपुर प्रवास पर आई उर्मिला चतुर्वेदी ने कहा कि राममंदिर का निर्माण सांप्रदायिक सौहार्द्र के साथ हो, यह अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तय हो गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राममंदिर को लेकर हो रही राजनीति से मन काफी दुखता था। लेकिन अब फैसला आ गया है, तो इससे मन को काफी संतोष मिला है। अब डॉक्टरों ने मुझे अन्न खाने की सलाह दी है कि जिससे स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत नहीं हो।

उन्होंने कहा कि अन्न त्यागने के दौरान पूजा-पाठ के बाद वह नियमित रूप से नींबू का शर्बत, चाय और दो-चार फल खाती थी। साथ ही गीता का पाठ और दुर्गासप्तशती का पाठ करती है। उन्होंने कहा कि वह गांधी जी की अंतिम यात्रा में भी शामिल हो चुकी है, साथ ही संस्कृत की शिक्षिका भी रही है।

उर्मिला चतुर्वेदी ने कहा कि ऋषिकेश, वृंदावन समेत कई स्थानों की धार्मिक यात्राएं भी वह कर चुकी है। लेकिन अब यही इच्छा है कि जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर बन जाए।
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