आखातीज पर विशेष पूजन से करें मां लक्ष्मी को आकर्षित
Astrology Articles I Posted on 24-04-2017 ,08:38:04 I by: Amrit Varsha
अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से धन-धान्य सदा के लिए अक्षय हो जाता है। लक्ष्मीजी की आराधना दीपावली, सिद्धिकाल आदि में करने से फलदाई होती है परंतु अक्षय तृतीया के पर्व पर लक्ष्मी जी की आराधना करने से घर में स्थायित्व दिया जा सकता है।
महर्षि विश्वामित्र जी ने भी अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी जी को पूर्णता के साथ प्रकट किया था जिससे जीवन पर्यंत उन्हें धन की कमी नहीं रही। व्यापार वृद्धि, पर्याप्त धनार्जन के पश्चात् भी धन संचय न होना, आर्थिक उन्नति के लिए, ऋण, दरिद्रता दूर करने के लिए अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी जी की उपरोक्त मंत्र-जप से आराधना करें ताकि धन-धान्य से घर अक्षुण बना रहे।
श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त, कनक धारा स्तोत्र
ओम श्रीं हृीं दारिद्य विनाषिन्ये
धनधान्य समृद्धि देहि देहि नम:।।
ओम ऐं श्रीं क्लीं सौं: श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।।
ओम ऐं ऐं श्रीं श्रीं हृीं हृीं पारदेष्वरी
सिद्धि हृीं हृीं श्रीं श्रीं ऐं ऐं।।
ओम हृीं हृीं श्रीं श्रीं पारद श्री यंत्राय श्रीं श्रीं हृीं हृीं ।।
ओम श्रीं हृीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:।।
ओम श्रीं श्रियै नम:।।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य व चंद्रमा दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रह है। चंद्रमा जहां मन का स्वामी व समस्त परणामों को प्रत्यक्ष रूप से शीघ्रता से प्रभावित करते हैं वहीं सूर्य नक्षत्र मंडल के स्वामी व केंद्र्र है, साथ ही दोनों ही ग्रह प्रत्यक्ष देवों की श्रेणी में आते हैं। अक्षय तृतीया को उक्त दोनों ही ग्रह अपनी उच्च राशि में होते हैं यही कारण है कि इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि यदि अक्षय तृतीया बुधवार या शुक्रवार को आती है तो यह और भी पुण्य फलदायी होती है।
चावल और सत्तू करें दान अक्षय तृतीया को निम्न वस्तुओं का दान किया जाता है: उपवास रखने वालों को ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए, अपिंड श्राद्ध करना व तर्पण करना चाहिए, इसके अलावा तिल लड्डू, पंखा, मिट्टी का जल से भरा मटका, ककड़ी, चीनी, छाता, खरबूजा, चावल व सत्तू आदि का दान करना चाहिए।
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