मकर संक्रांति पर इस मंत्र के जाप से करें पूजा, जरूर मिलेगा लाभ

नई दिल्ली। मकर संक्रांति का त्यौहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार माघ माह में कृष्ण पंचमी को मकर सक्रांति देश के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग सांस्कृतिक रूपों में मनाई जाती है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होता है, जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है, इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है।


हिंदू धर्म में सूर्य की पूजा की जाती है और उन्हें सूर्य देवता के रूप में पूजा जाता है, जो पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का पोषण करते हैं। इस बार मकर मकर संक्रांति के पर्व पर एक खास योग बन रहा है। साल 2019 में मकर संक्रांति सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा।

खत्म होगा मलमास...
सूर्य के मकर राशि में आने से मलमास समाप्त होगा, जिससे मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। सूर्य जब मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि में सूर्य रहता है, तब ये ग्रह उत्तरायण होता है। जब सूर्य शेष राशियों कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में रहता है,तब दक्षिणायन होता है।

ऐसे करें पूजा...
- मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
- संभव हो तो तीर्थ स्नान पर स्नान करें, इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
- स्नान के बाद तांबे के लोटे में लाल फूल और चावल डालकर सूर्य को जल चढ़ाएं।
- मंदिर में गुड़ और काले तिल का दान करें। ये शुभ होता है।
- भगवान को गुड़-तिल के लड्डू का भोग लगाएं और भक्तों को प्रसाद वितरित करें।

आदित्य ह्दय स्तोत्र का करें पाठ...
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर उसकी किरणों से अमृत की बरसात होने लगती है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में अगर भाषा व उच्चारण शुद्ध हो तो आदित्य ह्दय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें क्योंकि यह एक बहुत ही फलदायक रहेगा।

इस मंत्र का करें जाप...

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