लड्डू गोपाल को भी घर में रखने के होते हैं नियम, कृपा पाने के लिए करें ये खास जतन

भगवान श्रीकृष्ण का ही एक रूप लड्डू गोपाल को भगवान का साक्षात रूप कहा जाता है। लड्डू गोपाल जी को लेकिन घर में रखने के नियम थोडे कडे जरूर हैं। अगर उन नियमों का पालन कर लिया जाए तो भगवान मुरारी की आप पर पूरी तरह कृपा बरसने लगती है।



जिस भी घर में लड्डू गोपाल जी का प्रवेश हो जाता है वह घर लड्डू गोपाल जी का हो जाता है, इसलिए मेरा घर का भाव मन से समाप्त होना चाहिए अब वह लड्डू गोपाल जी का घर है। लड्डू गोपाल जी अब आपके परिवार के सदस्य है, सत्य तो यह है कि अब आपका परिवार लड्डू गोपाल जी का परिवार है। अतः लड्डू गोपाल जी को परिवार के एक सम्मानित सदस्य का स्थान प्रदान किया जाए।

परिवार के सदस्य की आवश्यक्ताओं के अनुसार ही लड्डू गोपाल जी की हर एक आवश्यकता का ध्यान रखा जाए। लड्डू गोपाल जी किसी विशेष ताम झाम के नहीं आपके प्रेम और आपके भाव के भूखे हैं, अतः उनको जितना प्रेम जितना भाव अर्पित किया जाता है वह उतने ही आपके अपने होते हैं।

प्रतिदिन प्रातः लड्डू गोपाल जी को स्नान अवश्य कराएं, किन्तु स्नान कराने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिस प्रकार घर का कोई सदस्य सर्दी में गर्म पानी व गर्मी में ठन्डे पानी से स्नान करता है, उसी प्रकार से लड्डू गोपाल जी के स्नान के लिए मौसम के अनुसार पानी का चयन करें, स्नान के बाद प्रति दिन धुले स्वस्छ वस्त्र पहनाएं।

जिस प्रकार आपको भूख लगती है उसी प्रकार लड्डू गोपाल जी को भी भूख लगती है अतः उनके भोजन का ध्यान रखे, भोजन के अतिरिक्त, सुबह का नाश्ता और शाम के चाय नाश्ते आदि का भी ध्यान रखे। घर में कोई भी खाने की वस्तु आए लड्डू गोपाल जी को हिस्सा भी उसमे अवश्य होना चाहिए।

प्रत्येक मौसम के अनुसार लड्डू गोपाल जी के लिए सर्दी गर्मी से बचाव का प्रबन्ध करना चाहिए, मौसम के अनुसार ही वस्त्र पहनाने चाहिए । लड्डू गोपाल जी को खिलौने बहुत प्रिय हैं उनके लिए खिलौने अवश्य लेकर आए और उनके साथ खेलें भी।

समय समय पर लड्डू गोपाल जी को बाहर घुमाने भी अवश्य लेकर जाए। लड्डू गोपाल जी से कोई ना कोई नाता अवश्य कायम करें, चाहे वह भाई, पुत्र, मित्र, गुरु आदि कोई भी क्यों ना हो, जो भी नाता लड्डू गोपाल जी से बनाये उसको प्रेम और निष्ठा से निभाए।

अपने लड्डू गोपाल जी को कोई प्यारा सा नाम अवश्य दें। लड्डू गोपाल से प्रेम पूर्वक बाते करें, उनके साथ खेलें, जिस प्रकार घर के सदस्य को भोजन कराते हैं उसी प्रकार उनको भी प्रेम से भोजन कराए। पहले लड्डू गोपाल जी को भोजन कराए उसके बाद स्वयं भोजन करें।

प्रतिदिन रात्रि में लड्डू गोपाल जी को शयन अवश्य कराए, जिस प्रकार एक छोटे बालक को प्रेम से सुलाते हैं उसी प्रकार से उनको भी सुलायें, थपथपाएँ, लोरी गाकर सुनाए। प्रतिदिन प्रातः प्रेम पूर्वक पुकार कर उनको जगाए।

किसी भी घर में प्रवेश के साथ ही लड्डू गोपाल जी में प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है इसलिए उनको मात्र प्रतिमा ना समझ कर घर के एक सदस्य के रूप में ही उनके साथ व्यवहार करें।

यूं तो प्रत्येक जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल जी की पूजा धूम-धाम से होती है, किन्तु यदि आपको वह तिथि पता है जिस दिन लड्डू गोपाल जी ने घर में प्रवेश किया तो उस तिथि को लड्डू गोपाल जी के जन्म दिन के रूप में मान कर प्रति वर्ष उस तिथि में उनका जन्म दिन अवश्य मनाएं , बच्चों को घर बुला कर उनके साथ लड्डू गोपाल जी का जन्म दिन मनायें और बच्चों को खिलौने वितरित करें।

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