शिवजी ने क्यों धारण किया सिर पर चन्द्रमा
Astrology Articles I Posted on 27-06-2016 ,13:37:20 I by:
भगवान शिव भोले की हर तस्वीर-मूर्ति में इनके सिर पर चंद्रमा दिखाया जाता
है। आपने कभी सोचा है कि आखिर शिवजी का इनसे क्या संबंध है। आइए जानते है
इससे जुड़ी प्रचलित कथा के बारे में। शिवजी के सिर पर चन्द्र उनके योगी
स्वरूप की शोभा बढ़ाता है। इनका एक नाम शशिधर भी है। शिवजी अपने सिर पर
चंद्र को धारण किया है इसी वजह से इन्हें शशिधर के नाम से भी जाना जाता है।
भोलेनाथ ने मस्तक पर चंद्र को क्यों धारण कर रखा है? इस संबंध में
शिव पुराण में उल्लेख है कि जब देवताओं और असुरों द्वारा समुद्र मंथन किया
गया, तब 14 रत्नों के मंथन से प्रकट हुए। इस मंथन में सबसे विष निकला।
विष
इतना भयंकर था कि इसका प्रभाव पूरी सृष्टि पर फैलता जा रहा था परंतु इसे
रोक पाना किसी भी देवी-देवता या असुर के बस में नहीं था। इस समय सृष्टि को
बचाने के उद्देश्य से शिव ने वह अति जहरीला विष पी लिया। इसके बाद शिवजी का
शरीर विष प्रभाव से अत्यधिक गर्म होने लगा। शिवजी के शरीर को शीतलता मिले
इस वजह से उन्होंने चंद्र को धारण किया।
शिवजी को अति क्रोधित
स्वभाव का बताया गया है। कहते हैं कि जब शिवजी अति क्रोधित होते हैं तो
उनका तीसरा नेत्र खुल जाता हैं तो पूरी सृष्टि पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता
है। साथ ही विषपान के बाद शिवजी का शरीर और अधिक गर्म हो गया जिसे शीतल
करने के लिए उन्होंने चंद्र आदि को धारण किया। चंद्र को धारण करके शिवजी
यही संदेश देते हैं कि आपका मन हमेशा शांत रहना चाहिए।
आपका स्वभाव
चाहे जितना क्रोधित हो परंतु आपका मन हमेशा ही चंद्र की तरह ठंडक देने
वाला रहना चाहिए। जिस तरह चांद सूर्य से उष्मा लेकर भी हमें शीतलता ही
प्रदान करता है उसी तरह हमें भी हमारा स्वभाव बनाना चाहिए।