जानें : क्यों शिव को प्यारा है सावन का महीना!
Astrology Articles I Posted on 04-08-2016 ,10:23:10 I by:
पवित्र सावन के महीना चल रहा है। इस महीने में भगवान भाले नाथ भक्तों से
जल्दी ही प्रसन्न हो जाते है और मनोवांछित फल देते है। पौराणिक मान्यताओं
में भगवान शंकर की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन महाशिवरात्रि, उसके बाद
सावन के महीने में आनेवाला प्रत्येक सोमवार, फिर हर महीने आनेवाली
शिवरात्रि और सोमवार का महत्व है। पर सावन के महीने की तो विशेष मान्यता
है।
आइए बताते हैं क्यों और क्या है इसके पीछे की कहानी और मान्यताएं-सावन की मान्यता-ऐसी
मान्यता है कि प्रबोधनी एकादशी (सावन के प्रारंभ) से सृष्टि के पालन कर्ता
भगवान विष्णु सारी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर अपने दिव्य भवन पाताललोक
में विश्राम करने के लिए निकल जाते हैं और अपना सारा कार्यभार महादेव को
सौंप देते है। भगवान शिव पार्वती के साथ पृथ्वी लोक पर विराजमान रहकर
पृथ्वी वासियों के दु:ख-दर्द को समझते है एवं उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण
करते हैं, इसलिए सावन का महीना खास होता है।
इसलिए शिवजी को अतिप्रिय है सावन-महादेव
को श्रावण मास वर्ष का सबसे प्रिय महीना लगता है क्योंकि श्रावण मास में
सबसे अधिक वर्षा होने के आसार रहते हैं, जो शिव के गर्म शरीर को ठंडक
प्रदान करता है। भगवान शंकर ने स्वयं सनतकुमारों को सावन महीने की महिमा
बताई है कि मेरे तीनों नेत्रों में सूर्य दाहिने, बांएं चन्द्र और अग्नि
मध्य नेत्र है। हिन्दू कैलेण्डर में महीनों के नाम नक्षत्रों के आधार पर
रखे गयें हैं।
जैसे वर्ष का पहला माह चैत्र होता है, जो चित्रा
नक्षत्र के आधार पर पड़ा है, उसी प्रकार श्रावण महीना श्रवण नक्षत्र के
आधार पर रखा गया है। श्रवण नक्षत्र का स्वामी चन्द्र होता है। चन्द्र भगवान
भोलेनाथ के मस्तक पर विराज मान है। जब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करता
है, तब सावन महीना प्रारम्भ होता है। सूर्य गर्म है एवं चन्द्र ठण्डक
प्रदान करता है, इसलिए सूर्य के कर्क राशि में आने से झमाझम बारिश होती है।
जिसके फलस्वरूप लोक कल्याण के लिए विष को ग्रहण करने वाले देवों के देव
महादेव को ठण्डक व सुकून मिलता है। शायद यही कारण है कि शिव का सावन से
इतना गहरा लगाव है।
पौराणिक कहावत-पुराणों और धर्मग्रंथों को
उठा कर देखें तो भोले बाबा की पूजा के लिए सावन के महीने की महिमा का
अत्याधिक महत्व है। इस महीने में में ही पार्वती ने शिव की घोर तपस्या की
थी और शिव ने उन्हें दर्शन भी इसी माह में दिए थे। तब से भक्तों का विश्वास
है कि इस महीने में शिवजी की तपस्या और पूजा पाठ से शिवजी जल्द प्रसन्न
होते हैं और जीवन सफल बनाते हैं।