धन-धान्य में करनी है तेजी से बढोतरी तो करें इस देव की पूजा
Astrology Articles I Posted on 07-09-2017 ,10:38:45 I by: Amrit Varsha
दरिद्रता को दूर करने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को धन की देवी महा लक्ष्मी के साथ गणेश जी का पूजन करना चाहिए। गणेश जी के पूजन से कष्ट, बाधा, रोग और लिए हुए ऋण से शीघ्र मुक्ति मिलती है, धन-धान्य की वृद्धि होती है तथा जीवन में आनंद, विजय आरोग्य और संतान सुख प्राप्त होता है।
समस्त शुभ कार्यों में प्रथम पूजनीय श्री गणेश रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं। इनके स्मरण मात्र से ही सभी कष्ट, बाधा और रोग दूर होने लगते हैं। वास्तु दोष दूर करने में भी गणेश जी सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध माने गए हैं। कार्य क्षेत्र में गणेश जी की स्थापना से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे आर्थिक लाभ मिलने लगता है।
धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी की स्थापना में केवल काली या पीली मिटटी से निर्मित ठोस गणेश जी की मूर्ति का ही प्रयोग करना चाहिए। प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित खोखली मूर्ति गणेश पूजन में निषिद्ध मानी गयी है
गणेश पूजा की विधि
गणेश जी पूजा के लिए विधि पूर्वक व्रत उपवास रखते हुए मूर्ति की स्थापना की जाती है।
पूर्व दिशा की तरफ मुख करके गणेश जी पर लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चंदन, मोतीचूर या बेसन के लड्डू आदि अर्पित करने चाहिए। गणेश पूजन में मंत्र जप का भी महत्व है। "ॐ गणपतये नमः " मंत्र का 108 बार जप करने से गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
जीवन में आने वाली बाधाओं और परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए "ॐ वक्रतुंडाय नमः " का जप करना शुभ रहता है। वहीँ गणेश जी के द्वादश नाम का स्तोत्र, संकट नाशक स्तोत्र, गणेश कवच, शतनाम स्तोत्र, गणपति अथर्वशीर्ष आदि का पाठ करते रहने से भी गणेश जी की कृपा मिलती है। बुधवार को गणेश जी को दूर्वा और ताम्बूल अर्पित करना भी शुभ फलदाई माना गया है।
गणेश की उपासना में भोग लगाते समय तुलसी पत्र का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए।
वास्तु दोष निवारण गणेश
जिन आवासीय अथवा व्यावसायिक भवनों में किसी प्रकार का वास्तु दोष होता है,वहां कलह, धन हानि, अशांति, मानसिक कष्ट, बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। ऐसी स्थिति में वहां भवन के मुख्य द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा लगाने तथा द्वार के दोनों तरफ शुद्ध घी एवं सिंदूर से गणपति युक्त स्वास्तिक के निशान बनाने से वास्तु दोष दूर होता है।
माना जाता है कि भवन में गणेश जी की स्थापना एवं नियमित पूजा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होने लगती है।
गणेश उपासना है कल्याणकारी
शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्ट के निवारण के लिए गणेश उपासना विशेष फलदायी मानी गयी है।
गणेश बुद्धि एवं धन के प्रदाता हैं। इसलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पूर्व गणेश जी का स्मरण करना और उनकी आराधना करना आवश्यक माना गया है।
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