अगर कहीं घूमने जा रहे हैं तो इसको जरूर पढ लें, नहीं तो मुसीबत में पड सकते हैं
Astrology Articles I Posted on 19-06-2017 ,09:39:59 I by: Amrit Varsha
मुहूर्त चिन्तामणि के यात्रा प्रकरण में यात्रा से सम्बन्धित अनेकानेक विवेचनाएं की गई है। यदि शुभ समय, तिथि, वार में हम यात्रा का प्रारम्भ करें तो निश्चय ही हम विकट समस्याओं से बच सकते हैं यात्रा को और भी मंगलमय बना सकते हैं।
क्या हो यात्रा का समय
यात्रा प्रारम्भ करते समय चौद्यडि़ए का स्थान तो महत्वपूर्ण है परन्तु यात्रा प्रारम्भ करने के दिन धनु, मेष, और सिंह, राशि में सुर्य हो तो यात्रा अच्छी होती है। शनि, बुध, और शुक्र, कि राशि में सुर्य हो तो यात्रा मध्यम, तथा कर्क, मीन और वृश्चिक में सुर्य हो तो यात्रा लम्बी होती है।
यात्रा के लिए शुभ दिशा
यात्रा प्रारम्भ करने से पूर्व हमें जान लेना चाहिए कि कौनसी दिशा शुभ है और कौनसी अशुभ।
पूर्व दिशा: इस दिशा में सोमवार और शनिवार को दिशा शूल दोश होता है। इन दिनों में पूर्व दिशा में यात्रा करना अशुभ होता है।
पश्चिम दिशा: इस दिशा में रविवार ओर शुक्रवार को दिशा शूल दोष होता है। ये अशुभ होता है।
उत्तर दिशा: मंगल और बुधवार के दिन उत्तर दिशा में यात्रा करना अमंगलकारी होता है।
दक्षिण दिशा: इस दिशा में गुरूवार को यात्रा करना ठीक नहीं होता है।
यात्रा करना जरूरी हो तब?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रतिदिन दिशा शूल का प्रभाव दिन में 12 बजे तक ही रहता है। 12 बजे के बाद दिशा शूल दोष का प्रभाव कम हो जाता है। जैसे उत्तर दिशा में मंगल और बुधवार की दिशा शूल दोष है और यात्रा करना भी जरूरी है तो यात्रा को प्रात: काल ब्रह्म मुहूत्र्त में प्रारम्भ कर देनी चाहिए। प्रारम्भ करने से पूर्व कुछ खाकर निकलना चाहिए। यात्रा प्रारम्भ करने से पहले दाहिने पैर को सर्वप्रथम उठाकर यात्रा दिशा में 32 कदम चलकर यात्रा करने के साधन में बैठकर तिल, घृत, तांबे का प्रात्र दान करना चाहिए।
यात्रा प्रारम्भ स्थान
देवग्रहाद्वा गुरूसदनाद्वा स्वग्रहान्ध्रुख्यकलत्र ग्रहाद्वा
प्राश्य हविष्यं विप्रानुमत: पश्चयन् शृंण्वन् मंग्लमेंयात।
यात्रा का प्रारम्भ इष्टदेव के मंदिर से हो या गुरू के घर से हो या स्वयं के घर से प्रारम्भ हो। प्रारम्भ से पूर्व भोजन करके, बुजुर्गों, ब्राह्मणों के आशीर्वाद और शुभ बातों को सुनकर-देखकर ही यात्रा प्रारम्भ करनी चाहिए।
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