वास्तु के अनुसार होगा भवन का मुख्यद्वार तो नहीं रहेगी पैसों की कमी
Astrology Articles I Posted on 14-11-2018 ,14:36:29 I by: vijay
भवन का मुख्य द्वार हमारी पारिवारिक स्थिति को दर्शा सकता है। यूं तो लोग
अधिकांशतया अपनी सुविधा के अनुसार अपने घर का मुख्य द्वार बनाते हैं। लेकिन
हमारे ऋषि-महर्षियों और नारद (नारद स्मृति) वशिष्ठ (वशिष्ठ स्मृति) व मनु
(मनु स्मृति) आदि के बताए नियमों के अनुसार हम मुख्य द्वार बनवाएं तो हम
वास्तु व ज्योतिष से जुड़े कई दोष और समस्याएं दूर कर सकते हैं।
मुख्यद्वार के दोनों ओर हो खिड़कियां
यदि घर के मुख्यद्वार के दोनों ओर खिड़कियां हों तो, वास्तु के
अनुसार इसे अशुभ माना जाता है। इससे आपका घर असुरक्षित रहेगा और दोनों ओर
से आने वाली हवाएं भवन की सकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती हैं। इसका
प्रतिकूल प्रभाव घर के मुखिया पर पड़ता है। मुखिया आर्थिक समस्याओं से घिरा
रहता है। ऐसे में दोनों खिड़कियों पर गोल पत्ते वाले पौधे लगाएं। कांटेदार
और नुकीले पत्तियों वाले पौंधो से बचें। मनीप्लांट का पौधा लगाना भी
लाभकारी है।
मुख्यद्वार पर पेड़ न लगाएं
भवन के मुख्यद्वार के सामने वृक्ष होना भी वास्तु के अनुसार अशुभ
माना गया है। इससे घर का मुखिया आए दिन बीमार रहता और परिवार में अचानक
समस्याएं भी आती हैं। कोर्ट-कचहरी से सम्बंधित परेशानियां भी उत्पन्न होती
हैं। ऐसे में घर के मुख्यद्वार के ऊपर बाहर की ओर अष्टकोणीय दर्पण लगाकर
नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है।
घर का मुख्यद्वार न ढकें
मुख्यद्वार किसी निर्माण के कारण अवरुद्ध हो जाए या फिर मकान के सामने
किसी दूसरे मकान के निर्माण से घर का मुख्यद्वार ढक जाए तो, इसे अशुभ माना
जाता है। किसी दूसरे मकान का कोना मुख्यद्वार को बाधित कर रहा हो तो,
गृहस्वामी को हृदय रोग होने की आशंका रहती है। ऐसे में मुख्यद्वार की दहलीज
पर छह इंच की लाल रंग की चौड़ी पट्टी बनाएं।
ऐसा द्वार आपका तो नहीं है
आचार्य वराह के अनुसार यदि जिस घर का मुख्य द्वार स्वत: बंद हो जाए
तो कुलनाश और प्रमाण से अधिक होने पर राजभय बना रहता है। मुख्य द्वार यदि
टूटा-फूटा तो उसका मुखिया व्याधि से पीडि़त रहता है। झुका हुआ कपाट घर में
अभाव का प्रतीक व बाहर निकला हुआ कपाट दिग्भ्रम कराने वाला होता है।
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