किस्मत बदल सकता है गजकेसरी योग
Astrology Articles I Posted on 02-03-2017 ,21:12:21 I by: Amrit Varsha
हर जातक की कुंडली में कुछ योग कुंडली में उसके जन्म के साथ ऐसे बनते
हैं जो उसके जीवन को संवारने की ताकत रखते हैं। इन प्राकृतिक संयोगों के
कारण जातकों के जीवन में कभी भी किसी चीज का अभाव नहीं होता। ऐसे ही
सौभाग्यशाली योगों में से एक है गजकेसरी योग।
जब किसी की भी कुंडली में यह योग बनता है तो उस जातक की किस्मत बदलने लगती है। इस योग के बारे में
आचार्य सुरेश गौतम बताते हैं कि गजकेसरी योग असाधारण योग की श्रेणी में रखा गया है। यह योग जिस व्यक्ति की कुण्डली में उपस्थित होता है उस व्यक्ति को जीवन में कभी भी अभाव नहीं रहता। ऐसा व्यक्ति जन्म से ही जिंदगी के हर सुख से परिपूर्ण होता है। इस प्रकार के सभी जातक अपने जीवन में सभी सुख अर्जित करते हैं। इस योग के साथ जन्म लेने वाले व्यक्ति की ओर धन, यश, कीर्ति खुद ब खुद चले आते हैं। आचार्य गौतम बताते हैं कि इस योग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस योग में जन्म लेने वाले बहुत ही होशियार होते हैं इनकी तर्क शक्ति गजब की होती हैं। आमतौर पर इस योग वाले व्यक्ति उच्च पद पर कार्यरत होते हैं।
पंडित विशाल शर्मा का इस योग को लेकर कहना है कि जब कुण्डली में गुरू और चन्द्र पूर्ण कारक प्रभाव के साथ होते हैं तब यह योग बनता है। लग्न स्थान में कर्क, धनु, मीन, मेष या वृश्चिक हो तब यह कारक प्रभाव के साथ माना जाता है। हालांकि अकारक होने पर भी फलदायी माना जाता परंतु यह मध्यम दर्जे का होता है। चंद्रमा से केन्द्र स्थान में 1, 4, 7, 10 बृहस्पति होने से गजकेसरी योग बनता है। इसके अलावा अगर चन्द्रमा के साथ बृहस्पति हो तब भी यह योग बनता है। चन्द्रमा और गुरू के बीच संबंध नहीं भी हो और केवल गुरू चैथे, सातवें या दसवें घर में शुभ स्थिति में बैठा हो तब भी गजकेसरी योग बनता है।
यदि किसी की कुंडली
में
गजकेसरी योग बनता है तो उस जातक को गज यानि हाथी के समान शक्ति और
धन-वैभव की प्राप्ति होती है। किंतु ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी को इस योग
का शुभ फल प्राप्त हो। किसी को गजकेसरी योग का अत्यंत शुभ फल प्राप्त
होता है तो किसी के लिए ये सामान्य फलदायी साबित होता है। गजकेसरी योग का
शुभ और अशुभ फल कुंडली के भावों, राशि, नक्षत्र और गुरु की स्थिति पर
निर्भर करता है। कुंडली में गुरु और चंद्र के बलवान होने पर गजकेसरी योग का
निर्माण होता है। इसके साथ ही यदि कुंडली में केमद्रुम योग भी बन रहा हो
तो ऐसी स्थिति में गजकेसरी योग निष्फल हो जाता है।
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