हर काम में सफल होने और व्यापार में लाभ के लिए करें चंद्र देव की ऐसी उपासना

स्वास्थ्य, सौंदर्य, प्रेम, सम्मान और पारिवारिक सुख व शांति के लिए चंद्र देव की उपासना की जाती है। जीवन में मानसिक कष्ट के निवारण, कार्य सिद्धि और व्यापार में लाभ के लिए कम से कम दस और अधिक से अधिक 54 सोमवार को चंद्र देव का व्रत रखते हुए नमक रहित भोजन करना चाहिए।


चंद्र देव यद्यपि शुभ, सौम्य और शांत ग्रह माने गए हैं जो पृथ्वी पर अमृत वर्षा करके सभी को दीर्घायु और आरोग्य प्रदान करते हैं परंतु अशुभ होने पर प्रतिकूल प्रभाव भी देते हैं। चंद्र देव की अशुभता के कारण होने वाले विभिन्न रोगों के उपचार के लिए इनके मंत्रों का विधान पूर्वक उच्चारण किया जाता है। इसके लिए श्वेत वस्त्र धारण करके चंद्र देव को रात्रि में जल अर्पित कर दही, दूध, चीनी और घी से निर्मित भोजन का प्रसाद लगाकर ग्रहण करना चाहिए।

चंद्र देव की उपासना के लिए प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की स्तुति करना और चांदी की धातु में शुद्ध मोती जड़वाकर शुक्ल पक्ष के सोमवार को धारण करने से भी चंद्र देव प्रसन्न होते हैं। चंद्र देव से संबंधित वस्तुओं जैसे शंख, दूध, दही, मोती, चांदी, श्वेत वस्त्र, चीनी, श्वेत गाय या बैल, मैदा, आटा आदि का सोमवार के दिन दान करना भी शुभ प्रभाव देने वाला होता है।

चंद्र देव के बीजमंत्र "ॐ श्राम श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः" का विधि पूर्वक जप करने से चंद्र देव के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और चंद्र देव की कृपा मिलने लगती है।

उत्तर-पश्चिम स्वामी, जल एवं स्त्री तत्व वाले चंद्र देवमाता-पिता, शारीरिक बल, राज्यानुग्रह, संपत्ति से संबंध रखते हैं और कुंडली के चौथे भाव के कारक हैं। चंद्र देव की अपनी राशि कर्क है तथा वृष राशि में उच्च के जबकि वृश्चिक राशि में नीच के प्रभाव रखते हैं।

चंद्र देव की मित्रता एवं परस्पर आकर्षण लगभग सभी ग्रहों से है। इनका कोई भी शत्रु नहीं है। कुंडली के छटे, आठवें और बारहवें भाव में चंद्र देव की उपस्थिति जातक के लिए कष्टकारी होती है। वहीं मेष, वृश्चिक और कुम्भ राशियों में चंद्र देव जीवन में नकारात्मक प्रभाव देने वाले होते हैं। विवाह मिलान में चंद्र देव की प्रधानता रहती है।

कुंडली का लग्न भाव शरीर है तो चंद्रमा उसका मन है। जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में बैठा होता है वही उसका चंद्र लग्न कहलाता है। सूर्य देव के समान चंद्र देव को भी राजा की पदवी प्राप्त है। पलाश इनका वृक्ष है।
ये तीन चीजें करती हैं मां लक्ष्मी को आने को विवश
इस पेड की पूजा से लक्ष्मी सदा घर में रहेगी

रोटी के एक टुकडे से होगा जीवन में चमत्‍कार

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2024 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team