ऐसे करें भगवान सूर्य की उपासना, मिलेगी सफलता, प्रसिद्धि और...
Astrology Articles I Posted on 01-09-2016 ,09:41:23 I by:
हिन्दू पौराणिक कथाओं में सूर्य को ब्रह्मांड की आत्मा कहा गया है। रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा स्तुति को समर्पित है। अगर आपके मन में कई सारी इच्छाएं और मनोकामनाएं है तो आप रविवार का व्रत कर सकते हैं। सूर्य भगवान की पूजा करना बडा ही फलदायी होता है। सूर्यदेव को हिन्दू धर्म के पंचदेवों में से प्रमुख देवता माना जाता है। इनकी उपासना करने से ज्ञान, सुख, स्वास्थ्य, पद, सफलता, प्रसिद्धि आदि की प्राप्ति होती है। प्रतिदिन पूजा करने से व्यक्ति में आस्था और विश्वास पैदा होता है। सूर्य देव का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि यह व्रत सुख और शांति देता है। आइए जानते है कैसे करें सूर्य देव की व्रत की पूजा के बारे में:-
कैसे दें सूर्य को अर्घ्य:-पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य के अर्घ्यदान की विशेष महत्ता बताई गई है। प्रतिदिन प्रात:काल में तांबे के लोटे में जल लेकर और उसमें लाल फूल, चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर देनी चाहिए। इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं।
सूर्य पूजा में करें इन नियमों का पालन:-- प्रतिदिन सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर और स्नान से कर लेना चाहिए।
- नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें।
- संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें।
- सूर्य के मंत्रों का जाप श्रद्धापूर्वक करें।
- आदित्य हृदय का नियमित पाठ करें।
- स्वास्थ्य लाभ की कामना, नेत्र रोग से बचने एवं अंधेपन से रक्षा के लिए नेत्रोपनिषद् का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए।
- रविवार को तेल, नमक नहीं खाना चाहिए तथा एक समय ही भोजन करना चाहिए।
जानिए क्या है सूर्य पूजा के लाभ:-- सूर्यदेव की पूजा करने वाला हर व्यक्ति आने वाली कठिनाओं पर काबू पा लेता हैं इससे उनके शारीरिक, व्यवाहारिक और धैर्य का पता चलता है।
- सूर्य की पूजा इंसान को निडर और बलवान बनाती है।
- सूर्य पूजा मनुष्य को परोपकारी बनाती है।
- सूर्य पूजा इंसान को विद्वान और बुद्धिमान के साथ-साथ मधुर वाणी वाला बनाती है।
- सूर्यदेव की पूजा कोमल और पवित्र आचरण प्रदान करती है।
- सूर्य पूजा व्यक्ति के मन से अंहकार, क्रोध, लोभ, इच्छा, कपट और बुरे विचारों को दूर करती है।