आप जानते हैं कि हनुमान जी की पूजा महिलाएं क्यों नहीं करतीं ?
Astrology Articles I Posted on 30-03-2018 ,16:54:15 I by: vijay
यूं तो कलियुग में 33 करोड़ देवी.देवताओं की कल्पना की गयी हैं जिनमें
शिव, राम, कृष्ण, दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश- पार्वती- हनुमान आदि प्रमुख हैं।
इनमें हनुमान की एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा करने से लगभग सभी
देवी-देवताओं की पूजा का एक साथ फल मिल जाता है।
हनुमान
साधना कलियुग में सबसे सरल और प्रभावी मानी जाती है।
हनुमान को बल-बुद्धि व सिद्धि-सिद्धि का प्रतीक माना जाता है। यदि साधक
सच्चे मन से हनुमानकी उपासना करे तो इस कलियुग में यह की गयी पूजा तुरंत फल
देने वाली मानी गयी है। इसके अनेक प्रमाण हें। सभी देवी-देवताओं ने इस
धरती पर अवतार लिया और अपना कार्य निपटाकर अपने अपने धामों को लौट गये,
परंतु राम भक्त हनुमान सीता माता और ब्रह्मा जी के आशिर्वाद से अजर-अमर
हैं। वह वायु के रुप में पूरे ब्रह्मांड में विचरण करते है, जिसने भी
उन्हें सच्चे मन से पुकारा वे उस आवाज को सुनकर दौडे चले आते हैं और उपासक
की इच्छा पूर्ति में सहायक बनते हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान की
सहायता से ही भगवान राम व लक्ष्मण के दर्शन किये थे।
महिलाएं भी कर सकती हैं हनुमानजी की पूजा
ध्यान
रखें ये बातें
प्रायः कहा जाता है कि स्त्रियों को हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए
क्योंकि हनुमान जी ने जानकी जी को माता माना है। किंतु यह मान्यता तर्कसंगत
नहीं है, न ही शास्त्रों में इसका कोई निषेध है। यदि
स्त्रियों को
हनुमान उपासना नहीं करनी चाहिए तो पुरुषों को भी लक्ष्मी की पूजा नहीं करनी
चाहिए। किंतु ऐसी कोई वर्जना नहीं है और पुरूष लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
फिर स्त्रियों को हनुमान उपासना से क्यों रोका जाए, वह भी तब जब शास्त्रों
में इस तरह की कोई वर्जना नहीं है। जैसा कि ऊपर कहा गया है।
अतः स्त्रियां भी पुरुषों की तरह हनुमान जी की पूजा उपासना कर सकती हैं तथा
मंदिर जाकर प्रसाद भी चढ़ा सकती हैं। केवल लंबे अनुष्ठान करने में
प्राकृतिक बाधा आती है। उनके रजस्वला होने से अनुष्ठान खंडित हो जाता है।
दूसरे
पारिवारिक उत्तरदायित्व भी उनके लंबे अनुष्ठान में विघ्न डालते हैं।
अतः वे हनुमान चालीसा के प्रतिदिन 5 या 10 पाठ कर 20 या 10 दिन में 100 पाठ
का अनुष्ठान कर सकती हैं (जो सतबार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महासुख होई।।)
अथवा अपने कष्ट/संकट संबंधी ‘हनुमान चालीसा’ की चैपाई के 100 माला जप कर
यथोचित लाभ उठा सकती हैं।
हनुमान की पूजा-आराधना के विशेष दिनमंगलवार और शनिवार
को हनुमान की पूजा का महत्व है। ऐसा कहते हैं उनका जन्म मंगलवार के दिन हुआ
था। शनिदेव को उन्होंने युद्ध में हराया था। शनि ने इनको आशीर्वाद दिया था
कि जो व्यक्ति शनिवार के दिन हनुमान की पूजा करेगा उसे शनि का कष्ट नहीं
होगा।
हनुमान चालीसा-पाठभक्तों को 108 बार गोस्वामी
तुलसीदास कृत हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। पाठ शुरू करने के पहले
रामरक्षास्तोत्रम् का पाठ अवश्य करना चाहिए। अगर एक बैठक में 108 बार
चालीसा-पाठ न हो सके तो इसे दो बार में पूरा कर सकते हैं।
शनि की साढे़साती के अशुभ फलों के उपाय 3 दिन में बदल जाएगी किस्मत, आजमाएं ये वास्तु टिप्स पूजा की थाली से करें लक्ष्मी-गणेश को प्रसन्न