शीलता माता को प्रसन्न करने के लिए जरूर करें ये काम, होगी हर मनोकामना पूरी
Astrology Articles I Posted on 15-03-2020 ,15:14:54 I by: vijay
हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी के व्रत का बड़ा महत्व है। बता दें कि इस साल
शीतला अष्टमी का व्रत 16 मार्च (सोमवार) को है। यह व्रत माता शीतला को
समर्पित है। शास्त्रों की माने तो यह व्रत होली के आठवें दिन होता है। इस
दिन शीतला मां का पूजन करने का विधान है।
इस दिन शीतला माता की पूजा
की जाती है और उ्न्हें बासी खाने का भोग लगाया जाता है। इसके लिए सप्तमी
की रात को बासी भोजन बनाया जाता है और सुबह शीतला माता की पूजा कर प्रसाद
के रुप में खाया जाता है। शीतला अष्टमी को बासोड़ा के नाम से भी जाना जाता
है।
शीतला अष्टमी पर जरूर करें ये उपाय (1) इस दिन शीतल जल से ही स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में शीतलता तो आती ही है साथ ही मां शीतला भी प्रसन्न होती हैं।
(2)
शीतला अष्टमी के दिन ठंडा भोजन यानी एक दिन पहले का बने भोजन से मां शीतला
को भोग लगाया जाता है और उसी भोजन को ग्रहण किया जाता है।
(3) माता शीतला के भोग में मीठे पूए, दही और चावल अवश्य रखें क्योंकि इनके बिना मां शीतला का भोग अधूरा माना जाता है।
(4) शीतला अष्टमी के दिन अपने घर में झाडू और सूप जरूर लेकर आएं और इनकी पूजा अवश्य करें। इनका उपयोग बिल्कुल भी न करें।
(5) मां शीतला की पूजा करने के बाद हल्दी को अपने घर के घर के सभी बच्चों के
माथे पर अवश्य लगाएं। ऐसा करने से उनको किसी भी प्रकार का कोई रोग नहीं
सताएगा।
(6) इस दिन किसी भी मंदिर में झाडू और सूप का दान भी किया
जाता है। इसलिए यदि संभव हो तो शीतला माता के मंदिर में झाडू और सूप का दान
अवश्य करें।
(7) शीतला अष्टमी के दिन कुम्हारन को प्रसाद के रूप
में कुछ न कुछ अवश्य देना चाहिए और साथ ही दक्षिणा भी देनी चाहिए। ऐसा माना
जाता है कि जब तक कुम्हारन कुछ नहीं खाती है तब तक शीतला माता की पूजा सफल
नहीं होती।
(8) माता शीतला का वाहन गधा माना जाता है। इसलिए इस दिन
यदि संभव हो तो किसी गधे की सेवा अवश्य करें। ऐसा करने से आपको मां शीतला
का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
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