सूतक में भूलकर भी ना करें ये 8 काम, अन्यथा...

आज इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण सुपर ब्लू ब्लड मून है। बताया जा रहा है कि इससे पहले 152 साल पहले 31 मार्च 1866 में ऐसा हुआ था। इसके साथ ही ऐसा आने वाले 11 सालों तक दिखाई नहीं देगा। 31 जनवरी को पूर्णिमा होने और सूतक का समय लगने के कारण पूजा विशेष समय तक कर लेनी चाहिए। हिंदू धर्म में माघ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। माघ मास की पूर्णिमा को स्नान और दान का भी विशेष महत्व है।


ग्रहण का समय-
भारतीय मानक समय के अनुसार इसका स्पर्श 05:18 शाम को मध्य 07:00 बजे मोक्ष 08:42 बजे रात में होगा। इस ग्रहण का स्पर्श तो पुष्य नक्षत्र में होगा जो श्लेषा नक्षत्र में समाप्त होगा। इस प्रकार पुष्य एवं श्लेषा दोनों नक्षत्रो के जातकों को और कर्क राशि वालों को प्रभावित करेगा।

सूतक का समय-
ग्रहण का सूतक 9 घंटे पूर्व सुबह 08:35 बजे से लग जाएगा। सुपर मून से चर्चित इस खास चंद्र ग्रहण को पूरे भारतीय भू भाग से देखा जा सकता है। यह चन्द्र खग्रास चंद्र-ग्रहण पूर्ण चन्द्र ग्रहण होगा और ग्रहण लगे हुए ही चन्द्रमा दिखाई देना शुरू होगा। भारत के अधिकांश भागो में ग्रहण लगे हुए चंद्रमा दिखाई देगा। ग्रहण का मध्य एवं मोक्ष पूरे भारत मे दिखाई देगा।

1. भोजन और जल का सेवन नहीं करना चाहिए
सूतक समय को सामान्यता अशुभ मुहूर्त समय माना जाता है, जिसमें शुभ कार्य करने वर्जित होते है। सूतक के समय भोजन आदि ग्रहण नहीं करना चाहिए और जल का भी सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए। कुशा और तुलसी में ग्रहण के समय पर्यावरण में फैल रहे जीवाणुओं को संग्रहित करने की अद्भुत शक्ति होती है। ग्रहण के बाद पानी को बदल लेना चाहिए। अनेक वैज्ञानिक शोधों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति बहुत शिथिल हो जाती है। ऐसे में यदि उनके पेट में दूषित अन्न या पानी चला जाएगा तो उनके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।

2. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया से बचना चाहिए
चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेष रूप से बचना चाहिए। क्योंकि ग्रहण की छाया का कुप्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पडऩे का डर रहता है।

3. कुंवारी लड़क‍ियां न देखें ग्रहण का चांद
मान्‍यताओं में चंद्र ग्रहण का चांद पीड़‍ित यानी दूष‍ित माना जाता है। साथ ही इसकी छाया भी अशुद्ध मानी जाती है। कहा गया है कि कुंवारों के लिए यह चांद देखना अशुभ होता है। दरअसल चंद्रमा का संबंध शीतलता व सुंदरता से होता है। ग्रहण काल में चंद्रमा उग्र हो जाता है जिसका बुरा असर कुंवारे लड़के-लड़कियों पर पड़ता है। श्रापित चांद को देखने पर कुंवारे लड़के या लड़की की शादी में अड़चन आ सकती है या फ‍िर तय होता रिश्‍ता बार-बार टूट सकता है।

4. पूजा, उपासना या देव दर्शन करना वर्जित
ग्रहण के समय देवपूजा को भी निषिद्ध बताया गया है। इसी कारण अनेक मंदिरों के कपाट ग्रहण के समय बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण के 12 घंटे से पूर्व ही सूतक लगने के कारण मंदिरों के पट भी बंद कर दिये जाते है। ऐसे में पूजा, उपासना या देव दर्शन करना वर्जित है।

5. ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए
जिस समय ग्रहण हो उस समय सोना नहीं चाहिए।  प्रेग्नेंट महिला, बीमार व्यक्ति और वृद्ध व्यक्ति आराम कर सकते हैं।

6. पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए
ग्रहण के समय कभी भी पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, इस समय बनाए गए शारीरिक संबध से कोई बच्चा होता है तो उसको जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

7.  शुभ कार्य शुरुआत करने से बचे
ग्रहण के दौरान किसी नए व शुभ कार्य की शुरुआत करने से बचें। अन्यथा असफलता हाथ लग सकती है।

8. बाल और नाखून न काटे
ग्रहण के समय कभी बाल और नाखून न कटवाएं, इस समय कोई सिलाई-कढाई का काम न करें। ये अशुभ माना जाता है।


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