मांगलिक शब्द से डरे नहीं, कुछ आसान उपायों से होता है मांगलिक दोष दूर

मांगलिक शब्द का अर्थ कुछ अलग है लेकिन अपने निजी स्वार्थ हेतु कुछ ज्योतिष इसे राइ का पहाड़ बन देते हैं। भोले-भाले लोग इस पर तुरंत भरोसा करके बड़े भयभीत होते हैं। मंगल शब्द सुनने में इतना मीठा और सुन्दर हैं, क्या वह किसी का बुरा या अमंगल कर सकता हैं? सामान्यतया मंगल शुभ कार्यों में,आशीर्वाद देने में प्रयुक्त होता हैं। ऐसे जातकों की जब शादी की बात आती है, तो मानों इन्होंने जन्म लेकर कोई बड़ा पाप कर दिया हो। ऐसे में कई बार मांगलिक जातकों को अपमान भी महसूस होता है। हम यह बात नहीं भूल सकते की बड़े-बड़े वीर भी मांगलिक थे। ज्योतिशास्त्र में कुछ नियम बताए गये हैं जिससे वैवाहिक जीवन में मांगलिक दोष नहीं लगता है, आइए इसे समझें—  

मांगलिक को शादी में परेशानी क्‍यों आती है? ऐसा इसलिये क्‍योंकि मंगल ग्रह को अकेले रहना पसंद है और इस प्रकार अगर कोई अन्‍य ग्रह उसके समीप आता है तो वह उससे झगड़ा कर लेता है। इसी प्रकार मांगलिक व्‍यक्‍ति लंबे समय के लिए अपने साथी को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। 
हर मांगलिक का पति नहीं मरता है-कई कोटि के मंगल दोष होते हैं। अगर पूर्ण मांगलिक हैं तो मंगल ग्रह का प्रभाव आप पर बहुत ज्यादा होगा। अगर आप का मंगल वक्रि है तो मंगल ग्रह आपके जीवन पर एक तिरछा प्रभाव डालेगा। ज्यादातर मामलों में, इस दोष के प्रभाव मामूली है और आपके पति/पत्नी की मौत नहीं होगी।  आयु एक कारण है कुछ लोगों के लिए मंगल ग्रह का प्रभाव केवल एक निश्चित उम्र तक वैध है। वे एक उम्र के बाद शादी कर सकते है, क्योंकी ज्यादा उम्र के बाद शादी करने से उनके वैवाहिक जीवन में समस्या की उम्मीद नहीं होती है।कुंभ विवाहअगर आप पूर्ण मांगलिक हैं तब भी आप के दोष का उपचार किया जा सकता है, कुंभ विवाह के जरिये। इस अनुष्ठान में मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को पहले एक केला या बरगद के पेड़ से शादी की जाती है। अगर आप लड़की है तो भगवान कृष्ण की एक चांदी या सोने की मूर्ति से शादी कर सकते हैं इस तरह व्यक्ति की कुंडली से दोष ख़तम हो जाता है।  एकाधिक मांगलिक दोषकुछ लोगों में डबल या ट्रिपल मांगलिक दोष होता है। मंगल ग्रह का प्रभाव उनके जीवन पर इतना मजबूत होता है की दो से तीन बार पुनर्विवाह करने के बाद भी उन के पति के मरने के प्रभाव कम नहीं होते है। ऐसे मामलों में कुंभ विवाह का उपाय करने से यह दोष कम होता है। यह फिर डबल या ट्रिपल मांगलिक व्यक्ति से ही उनकी शादी करनी चाहिए..  अच्छे कर्महिंदू धर्म के अच्छे कामों पर काफी जोर दिया जाता है। आपकी अच्छाई और दयालुता से आप आपनी कुंडली में हजारो दोषों को कम कर सकते है। अगर आप एक ईमानदार और अच्छे व्यक्ति है तो आप आपने दोषों के लिए कभी भी ज्‍यादा कष्‍ट नहीं भोगेगें। मांगलिक दोष के बुरे प्रभावों को पूजा, रत्नों तथा ज्योतिष के अन्य उपायों के माध्यम से बहुत हद तक कम किया जा सकता है इसलिये इससे घबराएं बिल्‍कुल नहीं। 
मंगल दोष के परिहार
ज्योतिशास्त्र में मांगलिक कुंडलियो हेतु दो तरह के परिहार मिलते है। (1) स्वय की कुंडली मे-जैसे शुभ ग्रहो का केन्द्र मे होना,शुक्र द्वितीय भाव मे हो,गुरू मंगल साथ हो या मंगल पर गुरू की दृष्टिे हो तो मांगलिक दोष का परिहार हो जाता है।  (2) वर-कन्या की कुन्डली मे आपस मांगलिक दोष का काट –जैसे एक के मांगलिक स्थान मे मंगल हो और दूसरे के इन्ही स्थानो मे सूर्य,शनि,राहु,केतु मे से कोई एक ग्रह हो तो दोष नष्ट हो जाता है।पापक्रांत शुक्र और सप्तम भाव के स्वामी की नेष्ट स्थिति को भी मंगल तुल्य ही समझे।मंगल दोष परिहार के कुछ शास्त्र वचन निम्न प्रकार है।इनके आधार पर यदि मांगलिक दोष भंग हो जाता है तो विवाह के बाद उनका दाम्पत्य जीवन सुख और प्रसन्नता पूर्वक व्यतीत होगा॥
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