वार्षिक राशिफल-2017 - कर्क: खुशियां मिलेंगी पूरे साल लेकिन टुकडों में
Astrology Articles I Posted on 29-12-2016 ,13:02:16 I by: Amrit Varsha
इस राशि के जातक व्यवहारशील, मृदुभाषी और अपने काम को किसी भी हद तक जाकर पूरा करने की सनक रखने वाले होते हैं। हर काम में परफेक्शनिस्ट बनने की तलब इन्हें लोगों से अलग बनाती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कर्क राशि के लिए 2017 मिले जुले परिणामों वाला रहेगा। शुरुआती महीनों में गृहस्थ जीवन को लेकर कुछ तनाव हो सकता है लेकिन वह लंबा नहीं चलेगा। पेशेवर जीवन में सफलताओं का वरण करेंगे। खुशियां खूब मिलेंगी लेकिन टुकडों में। शेयर बाजार से दूरी बनाए रखें। अनावश्यक रुप से पैसे खर्च ना करें। प्रेम सम्बन्धों में रिस्क ना लें। समय ठीक नहीं। साल में आने वाली कुछ परेशानियों में महादेव और मां लक्ष्मी की पूजा लाभ देगी। सितम्बर मध्य तक विदेश जाने के भी योग बन रहे हैं। संतान संबंधी परेशानी इस साल हल होगी।
करियर: फरवरी से जुलाई का समय है बेहतरीन
साल की शुरुआत थोडा परेशान कर सकती है लेकिन फरवरी से जुलाई का समय आपका बेहतरीन समय होगा। कोई भी नया काम आप इस समयावधि में कर सकते हैं। तकनीक से जुडे लोगों को फायदे की उम्मीद वहीं राजनीति में कोई खास असर नहीं रहेगा। सितम्बर में नौकरी या व्यवसाय में थोडी समस्याएं रह सकती हैं। परंतु वास्तव में यह आपके धैर्य की परीक्षा का समय है। कार्यस्थल के माहौल को गंभीरता से लें। उच्चाधिकारियों से तालमेल बनाकर चलें। किसी भी प्रकार के विवाद से बचें व संयम से काम लें। नौकरी परिवर्तन करने का मानस पूरी तरह त्याग दें। नवम्बर और दिसम्बर आपको एनजेर्टिक बनाएंगे।
प्रेम प्रसंग और विवाह: विवाह के लिए जनवरी माह है श्रेष्ठकाम का अधिक दबाव आपके संबंधों पर भी दिखेगा। एक दूसरे को खुश रखने के लिए आप उपहारों का आदान-प्रदान करें। प्रियजन के साथ किसी जगह घूमने जाने का कार्यक्रम बन सकता है। कर्क लग्न के जो जातक विवाह के इच्छुक हैं उन्हें भी जनवरी माह में विवाह कर लेना चाहिए क्योंकि इस माह के उपरान्त सितम्बर या अक्टूबर में ही समय अनुकूल होगा अन्यथा बहुत प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। अगस्त में जीवनसाथी के साथ संबंधों में मधुरता की कमी रह सकती है। परिजनों के साथ भी नोंकझोंक होने की आशंका है। वर्षान्त लम्बी यात्रा संबंधों में मधुरता आएगी।
आर्थिक पहलू: दौलत और शोहरत में नहीं रहेगी कमीकर्क राशि के जातकों के लिए फरवरी से जुलाई माह तक आय के लिए बेहतरीन रहेगा। कुछ रुकावटों और मुश्किलों का सामना शायद कुछ दिन करना पड़े लेकिन भाग्य पक्ष का साथ होने के कारण आय के स्रोत बने रहेंगे। सरकारी विभागों या अन्य किसी जगह जो पैसा फंसा हुआ है, उसका पेमेंट हो सकता है। अगर आप सावधानी के साथ अपना पैसा लगाएं तो धन प्राप्ति के अच्छे योग हैं। लेकिन जोखिम भरे कार्यों में धन का निवेश करने से बचें। आप चाहे कारोबारी हों अथवा नौकरीपेशा नवम्बटर माह में आपको मुनाफा होना निश्चित है और प्रसिद्धि भी भरपूर मिलेगी।
परिवार: आनंद से बीतेगा समय, रहेगी मौज मस्तीजो संयुक्त परिवार में रहते हैं वे थोडा धैर्य रखें, साल की शुरुआत में परिजनों और उनके बीच सौहार्द में कमी हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ छोटे परिवारों में खुशियों का माहौल रहेगा। बच्चों को नयी नौकरी इत्यादि मिलने से घर में आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकती है। साथ ही परिवार के लिए कोई नया वाहन लेने की स्थिति बन रही है। मित्रों के सहयोग से आपके कार्य पूर्ण हो सकते है। घर में मांगलिक या धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। अनावश्ययक खर्चा आपको तनाव में ला सकता है।
स्वास्थ्य: अपनी सेहत के प्रति रहें सजग
वर्ष के आधे समय तक केतु आपके अष्टम भाव में है। स्वास्थ्य थोडा कमज़ोर रह सकता है। रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित रोग या दर्द उभर सकता है। यदि पहले से ही इन रोगों से आप ग्रसित हैं तो और अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है। अगस्त के बाद आप चुस्ती-फुर्ती का अनुभव करेंगे। फ़िटनेस के प्रति आपकी जागरूकता बढ़ेगी। जो लोग लंबी बीमारी से पीड़ित हैं, उनके स्वास्थ्य में निश्चित सुधार देखने को मिलेगा।
शुभ अंक : 9, 17, 65, 98, 21 और 3 अंक आपका भाग्यो्दय में मददगार होंगे।
शुभ रंग: आपके लिए हल्का पिंक, पीला, सफेद और स्लेटी रंग शुभ हैं।
प्रभावी उपाय : राहु लगभग आधे वर्ष तक आपके दूसरे भाव में बना रहेगा तद्पश्चात प्रवेश करेगा आपके लग्न में। ऐसे में पूर्णिमा को खीर और गाय के घी से हवन करें। शहद, ढूध, देसी इत्र और जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें और शिव की उपासना करें।
अच्छा् समय: फरवरी से जुलाई को समय श्रेष्ठ है। भाई-बंधुओं से थोडी टकराहट हो सकती है लेकिन कुछ ही दिनों में संबंध पूर्ववत हो जाएंगे।
काम की सलाह: रुद्राक्ष की माला पर ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘ॐ रुद्राय नमः’ का जप करें। अधिक परेशानी में ‘रुद्राभिषेक‘ कराएं। यदि शनि कुपित हो या शनि की दशा अन्तर्दशा में ‘वैदिक शनि अनुष्ठान‘ या ‘शनि मृत्युंजय कराएं।
पं सिद्धार्थ राज