लाल किताब के इन उपायों से करें शनिदेव को प्रसन्न
Astrology Articles I Posted on 08-02-2017 ,12:10:36 I by: Amrit Varsha
इस वर्ष की शुरूआत में ही कई ग्रहों में बदलाव हुआ है और कई ग्रह वक्री भी
हुए हैं। ऐसे में जिस राशि पर शनिदेव की कुदृष्टि रहेगी उन्हें खासतौर पर
लाल किताब के सुझाए कुछ खास उपाय करने चाहिए-
लग्न स्थित शनि अशुभ फल देता है। ऐसे में जातक को बंदरों की सेवा करनी चाहिए। चीनी मिला हुआ दूध बरगद के पेड़ की जड़ में डालकर गीली मिट्टी से तिलक करना चाहिए। झूठ नहीं बोलना चाहिए। दूसरों की वस्तुओं पर बुरी दृष्टि नहीं डालनी चाहिए।
शनि द्वितीय भावस्थ अशुभ फल देता हो तो जातक को अपने माथे पर दूध या दही का तिलक लगाना चाहिए और सांपों को दूध पिलाना चाहिए।
शनि तीसरे भाव में हो तो जातक को मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे में जातक को तिल, नींबू एवं केले का दान करना चाहिए। घर में काला कुत्ता पालें एवं उसकी सेवा करें।
शनि चतुर्थ भावस्थ में अशुभ फल दे रहा हो तो जातक को कूंए में दूध डालना चाहिए। बहते हुए पानी में शराब डालनी चाहिए, हरे रंग की वस्तुओं से परहेज नहीं रखना चाहिए। मजदूरों की सहायता करें व भैंस एवं कौओं को भोजन दें। जातक को अपने नाम पर भवन निर्माण नहीं करना चाहिए।
पंचम भाव में शनि अशुभ फल दे रहा हो तो जातक को अपने पास सोना एवं केसर रखना चाहिए। जातक को 48 साल से पहले अपने लिए मकान नहीं बनाना चाहिए। साथ ही नाक व दांतों को साफ रखना चाहिए। लोहे का छल्ला पहनने से व साबुत हरी मूंग मंदिर में दान करने से शनि की पीड़ा कम होगी।
षष्ठ भाव से शनि अशुभ फल दे रहा हो तो जातक को चमड़े एवं लोहे की वस्तुएं खरीदनी चाहिए। इस भाव में जातक को 39 साल की उम्र के बाद ही मकान बनाना चाहिए।
सप्तम भाव से शनि अशुभ फल दे रहा हो तो जातक को शहद से भरा हुआ बर्तन कहीं सुनसान जगह में दबाना चाहिए। बांसुरी में चीनी भरकर कहीं सुनसान जगह में दबाएं। इस भाव में शनि हो तो जातक को बना बनाया मकान खरीदना चाहिए।
अष्टम भाव में शनि को अपने पास चांदी का टुकड़ा रखना चाहिए। सांपों को दूध पिलाना चाहिए व जीवन में कभी भवन का निर्माण नहीं कराना चाहिए।
नवम भावस्थ शनि अशुभ फल दे रहा हो तो छत पर कबाड़, लकड़ी आदि नहीं रखनी चाहिए, जो बरसात आने पर भीगती हो। चांदी के चैरस टुकड़े पर हल्दी का तिलक लगाकर उसे अपने पास रखना चाहिए। पीपल के पेड़ को जल देने के साथ-साथ गुरुवार का व्रत भी करना चाहिए। अगर इस भाव में शनि हो तो जातक की पत्नी गर्भवती हो तो भूलकर भी मकान न बनवाएं। बच्चा होने के बाद बनवा सकते हैं।
दशम भाव में शनि हो तो मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। चने की दाल तथा केले मंदिर में चढ़ाने चाहिए।
एकादश भाव में शनि अशुभ फल दे रहा हो तो जातक को घर में चांदी की ईंट रखनी चाहिए। उसे मांस, मदिरा आदि सेवन एवं दक्षिणामुखी मकान में वास नहीं करना चाहिए। 55 साल की उम्र के बाद ही मकान बनाना शुभ रहेगा।
बारहवें भाव में शनि अशुभ फल दे रहा हो तो कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। मांस, मदिरा, अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए। लाल किताब की इन बातों पर अमल कर शनि से प्राप्त परेशानियों को हम समाप्त कर सकते हैं।
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